नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा आजमगढ़ के पलिया गांव, पीड़ित दलित परिवारों न्याय दिलाने का भरोसा दिया
यूपी80 न्यूज, आजमगढ़
“अपने 45 साल के राजनीतिक जीवन में पलिया कांड जैसी पुलिसिया उत्पीड़न की घटना पहले कभी नहीं देखा। पलिया कांड का मामला विधानसभा में मजबूती से उठाया जाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।” सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के रौनापार स्थित पलिया गांव का दौरा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने शुक्रवार को यह बात कही। बता दें कि पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सपा का एक प्रतिनिधिमंडल पलिया गांव भेजा था।

रामगोविंद चौधरी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और पुलिस द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए उनके मकानों को देखा। उन्होंने पलिया कांड को दर्दनाक एवं अति निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि पुरुषों की बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई। परिवार की महिलाओं का कपड़ा फाड़ दिया गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। उनके प्राईवेट पार्ट को चोट पहुंचायी गई। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान को लेकर पीएम मोदी झूठ बोलते हैं।
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रामगोविंद चौधरी ने मांग की कि घटना में शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम के साथ डकैती का मुकदमा दर्ज किया जाए और जो नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति सरकार को देनी चाहिए।
इस मौके पर रामगोविंद चौधरी के साथ पूर्व सांसद रमाकांत यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री दुर्गा यादव, विधायक डॉ.संग्राम यादव, विधायक नफीस अहमद, जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, जयराम पटेल सहित पार्टी के सभी नेतागण उपस्थित थे।
ये है मामला:
बीते 29 जून को आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र स्थित पलिया गांव में छेड़खानी को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। मौके पर पहुंची पुलिस के दो सिपाहियों से ग्रामीणों की मारपीट हो गई थी। इससे गुस्साए पुलिसकर्मियों ने गांव में रात को धावा बोला और पीड़ित परिवारों की बुरी तरह से पिटाई की। महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए और उन्हें पिटाई एवं उनके साथ दुर्व्यवहार की। इसके अलावा जेसीबी से दलित परिवारों के मकानों को गिरा दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने इस घटना की तीखी निंदा की थी और सोशल मीडिया पर ट्वीट किया था।