कानपुर में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के 100 व्यापारी नेता जुटेंगे, विधानसभा चुनाव में कर सकते हैं विरोध
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की मनमानी एवं नियमों के उल्लंघन तथा जीएसटी की जटिलता से व्यापारियों में गहरी नाराजगी है। यदि इस ज्वलंत मामले में सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में उसे झटका लग सकता है। व्यापारियों ने कॉफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले राष्ट्रव्यापी संघर्ष अभियान छेड़ने की घोषणा की है और इस बाबत आगामी 11-12 जनवरी को उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। सम्मेलन में देश भर के 100 व्यापारी नेता शामिल होंगे।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि देश की सभी सरकारों ने विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।
ऑनलाइन बेची जा रही हैं प्रतिबंधित वस्तुएं:
प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि ई कॉमर्स पर प्रतिबंधित वस्तुएं बेची जा रही हैं, जिससे सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है। इस बाबत सरकार को सबूत भी दिए गए, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कैट महासचिव खंडेलवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के विपरीत जीएसटी का वर्तमान स्वरूप बेहद जटिल हो गया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद जीएसटी काउंसिल ने व्यापारियों से सलाह मशवरा करना छोड़ दिया है और ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं, जिनका कोई जमीनी आधार नहीं है। टेक्सटाइल एवं फुटवियर पर जीएसटी की कर दरों में 5 से बढ़ाकर 12 परसेंट करने का प्रस्ताव इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि कानपुर में होने वाले सम्मेलन में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। देश के सभी राज्यों में भारत व्यापार स्वराज्य रथ यात्रा, राज्यस्तरीय विराट व्यापारी सम्मेलन, बाजारों में विरोध जुलूस, मशाल जुलूस, धरने, सांसदों एवं विधायकों का घेराव, प्रदर्शन, राष्ट्रव्यापी व्यापार बंद की योजना सहित अन्य विरोध कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

