सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लिए मुफीद हैं दोनों सीटें, दोनों लोकसभा क्षेत्र में हैं सुभासपा के विधायक
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी SBSP के मुखिया ओमप्रकाश राजभर Omprakash Rajbhar भी अपने मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा की तरह अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव Loksabha Election की तैयारी में जुट गए हैं। पूर्वांचल की प्रतिष्ठित संसदीय क्षेत्र घोसी Ghosi और सलेमपुर Salempur Loksabha seat लोकसभा सीट पर वह दावेदारी कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव में इन दोनों संसदीय सीटों में सुभासपा ने खाता खोला है। पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राजभर ने घोसी की मधुबन Madhuban विधानसभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ कई लोगों से मुलाकात की एवं कई सामाजिक कार्यक्रम में भाग लिया।

दरअसल, सलेमपुर संसदीय क्षेत्र और घोसी संसदीय क्षेत्र दोनों में राजभर समाज की अच्छी खासी तादाद है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में मुस्लिम और यादव समाज सहित पिछड़ा वर्ग की अच्छी संख्या है। चूंकि विधानसभा चुनाव में सलेमपुर संसदीय क्षेत्र की बेल्थरा रोड सीट पर सुभासपा के प्रत्याशी हंसू राम Hansu Ram ने जीत हासिल की है। इसके अलावा पड़ोस की सिकंदरपुर सीट पर भी सपा उम्मीदवार पूर्व कैबिनेट मंत्री जियाउद्दीन रिजवी Md Ziauddin Rizvi विधायक निर्वाचित हुए हैं। फिलहाल यहां से भाजपा के रविंद्र कुशवाहा Ravindra Kushwaha सांसद हैं।
घोसी में बढ़ी सक्रियता:
सलेमपुर की तरह घोसी सीट भी सुभासपा के लिए जीताउ सीट मानी जा रही है। फिलहाल घोसी की पांच में से तीन सीटों (घोसी, मऊ सदर एवं मुहम्मदाबाद) पर सपा गठबंधन का कब्जा है। सदर से खुद सुभासपा प्रत्याशी अब्बास अंसारी Abbas Ansari विधायक निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा रसड़ा सीट पर बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह Umashankar Singh को सुभासपा उम्मीदवार महेंद्र चौहान ने कड़ी टक्कर दी। उमाशंकर सिंह को इस बार केवल 5194 वोटों से ही जीत मिली है। फिलहाल घोसी से बसपा के अतुल राय Atul Rai सांसद हैं। 2019 में सपा से गठबंधन के तहत यह सीट बसपा के खाते में गई थी।
पढ़ते रहिए www.up80.online ओमप्रकाश राजभर का ऐलान-सपा के साथ मिलकर 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे

बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने पिछले सप्ताह ही घोषणा की थी कि वह 2024 का चुनाव भी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके बाद वह 2024 की तैयारी को लेकर सक्रिय हो गए हैं। सलेमपुर व घोसी संसदीय क्षेत्र में उनका सक्रिय होना कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है।