मानसून सत्र के बीच बिहार के मुख्यमंत्री ने उठाया मुद्दा, पिछले दिनों आरक्षित वर्ग के प्रबुद्ध लोगों ने सोशल मीडिया पर चलाया था अभियान
यूपी80 न्यूज, पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस बाबत बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से एक प्रस्तात पारित किया था और इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है,
“हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 2019 एवं पुन: बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
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मानसून सत्र के बीच जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में काफी अहम मानी जा रही है। जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से लेकर संसद तक चर्चा तेज होगी।
बता दें कि जातिगत जनगणना की मांग को लेकर पिछले दिनों आरक्षित वर्ग के प्रबुद्ध लोगों एवं युवाओं ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भी जातिगत जनगणना की मांग की थी। उत्तर प्रदेश में भाजपा की मुख्य सहयोगी पार्टी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी इस मुद्दे को पिछले काफी समय से प्रमुखता से उठाती रही हैं।
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