7 फरवरी को होगी रिलीज, रॉबिनहुड के तौर पर लोकप्रिय
लखनऊ, 6 फरवरी
पाठा के बीहड़ों में तीन दशक तक राज करने वाला ददुआ ऊर्फ शिवकुमार कुर्मी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘तानाशाह’ 7 फरवरी को परदे पर आ रही है। ददुआ बागी के अलावा राबिनहुड के तौर पर भी लोकप्रिय था। वह गरीबों का हमदर्द था। साथ ही सामंतवाद के खिलाफ उसने बिगुल बजाया और बुंदेलखंड में जीवन के अंतिम क्षण तक सामंतवाद को काफी हद तक दबा कर रखा।
ददुआ की छवि रॉबिनहुड की थी। गरीबों के प्रति वह दयालु था और उनके दु:ख में भागीदार होता था। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाकों में ददुआ का एक छत्र राज था।
मायावती के राज में हुआ एनकाउंटर:
यह विडंबना ही है कि ददुआ ने कभी बसपा को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड में एक नारा दिया था ;
वोट मारो हाथी पर
वरना गोली खाओ छाती पर।
लेकिन 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद ददुआ का एनकाउंटर कर दिया गया।
ददुआ के गांव में खुलेगा महाविद्यालय:
उधर, ददुआ के पैतृक गांव देवकली में उनके भाई एवं पूर्व सांसद बाल कुमार ने उनके नाम पर महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। बालकुमार ने कहा है कि इस साल मार्च तक भवन निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। तत्पश्चात महाविद्यालय की मान्यता लेने की कवायद शुरू होगी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में अभाव ग्रस्त और गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की जाएगी।
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ददुआ के नाम पर मंदिर का निर्माण:
ददुआ को चाहने वालों ने ददुआ के नाम से फतेहपुर के काबरहा गांव में मंदिर का भी निर्माण कराया है। बता दें कि ददुआ का जन्म चित्रकूट के देवकली गांव में रामसिंह पटेल के घर हुआ था।
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