यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के फायर ब्रांड नेता रहे संगीत सोम को पटखनी देने वाले युवा नेता व सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान को अखिलेश यादव ने मेरठ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि अखिलेश यादव ने एससी समाज से आने वाले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह का टिकट काट कर अतुल प्रधान को उतारा गया है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू करने वाले अतुल प्रधान सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि पूर्व में अतुल प्रधान 2012 और 2017 में भाजपा के संगीत सोम से चुनाव हार चुके थे, लेकिन 2022 में अतुल प्रधान ने संगीत सोम को हरा दिया था।
सद्भावना रैली का कर चुके हैं आयोजन:
अतुल प्रधान 21 मार्च 2015 में कस्बा फलावदा में सद्भावना रैली का आयोजन कर चुके हैं। कहा जाता है कि इस सफल रैली के जरिए अतुल प्रधान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीब आए।
मेयर चुनाव में पत्नी को ओवैसी की पार्टी से भी कम वोट मिला :
इनकी पत्नी सीमा प्रधान 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। 2023 में महापौर के चुनाव में सीमा प्रधान को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा। इन्हें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी अनस से भी कम वोट मिला।
पूर्व विधायक ने कहा- दलित समाज के साथ धोखा
एडवोकेट भानु प्रताप सिंह का टिकट काटने पर हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने इसे दलित समाज के साथ धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा कि भानु प्रताप सिंह का टिकट कटा था तो दलित को ही प्रत्याशी बनाना था।