यूपी80 न्यूज, लखनऊ
“सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले गरीब मरीजों को प्राइवेट मेडिकल स्टोर से महंगी दवाइयां और आपरेशन के सामान खरीदने पड़ रहे है।“ यह ज्वलंत मुद्दा विधान सभा में समाजवादी पार्टी के उपमुख्य सचेतक डा० आरके वर्मा ने उठाया।
सपा विधायक डॉ.आरके वर्मा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को प्राइवेट मेडिकल स्टोर से महंगी दवाइयां और आपरेशन के सामान खरीदने पड़ रहे हैं और साथ ही साथ उo प्रo मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन बड़े उद्योगपतियों की फार्मा कम्पनी के दस्तावेजों में कूटरचना करके अरबों के टेंडर दिए जा रहे हैं और उसके द्वारा प्रदेश की सरकारी अस्पतालों को अधोमानक में गुणवक्ताहीन दवाइयों की आपूर्ति कराई जा रही है, जिसके खाने से मरीजों का स्वास्थ्य और खराब हो रहा है। अगस्त 2024 में बी पी की दवा टेल्मीसार्टन इवा टेस्टिंग में फेल रही, जनवरी 2023 में एंटीवायोटिक सेफालेक्सिन ड्रग टेस्टिंग में फेल रहीं, मार्च 2025 में एंटीवायोटिक सिप्रोफ्लोक्तासिन के ड्रग ऐस्टिंग में फेल रही, अप्रैल 2024 में एस्प्रिन ड्रग टेस्टिंग में फैल रही, अप्रैल 2014 आई यप प्रेडनीसोलोन ड्रग टेस्टिंग में फेल रही, गोंडा में 16 लाख बी कॉम्प्लेक्स की गलियां ड्रग टेस्टिंग में फेल रही, अयोध्या में राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में ईटीडीए ब्लड संरक्षित करने की दवा ड्रग टेस्टिंग में फेल रही, खून जम जा रहा था इन सभी प्रकरणों में सरकार ने ना तो उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन पर कोई कार्रवाई की और ना फार्मा कंपनियों पर।

पढ़ते रहिए यूपी80 न्यूज: 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने किडनी डोनेट कर दो लोगों की बचाई जान
पढ़ते रहिए: कैसे पहुंचे सारनाथ