यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यूपी डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दे दी गई। इसमें सोशल मीडिया पर काम करने वाली एजेंसी व फर्म को विज्ञापन की व्यवस्था की गई। वहीं, अभद्र या राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान भी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी और उसके लाभ को लोगों तक डिजिटल व सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाने के लिए यह नीति लाई गई है।
सोशल साइट पर प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को प्रदर्शित किए जाने के लिए इनसे संबंधित एजेंसी व फर्म को विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा
विज्ञापन का श्रेणीवार होगा भुगतान:
इस नीति के तहत सूचीबद्ध होने के लिए एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है।
एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के एकाउंट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर (प्रभाव रखने वाले) को भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है। यू-ट्यूब पर वीडियो, शार्ट्स, पॉडकास्ट भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख प्रतिमाह निर्धारित की गई है।
इस संबंध में नीति लाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत निदेशक सूचना शिशिर सिंह ने बताया कि पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए।
अभी सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर पुलिस द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66 (ई) और 66 (एफ) के तहत कार्रवाई की जाती है। अब प्रदेश सरकार पहली बार ऐसे मामलों पर नियंत्रण के लिए नीति ला रही है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल से लेकर उम्र कैद (राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में) तक की सजा का प्रावधान है।
इसके अलावा अभद्र एवं अश्लील सामग्री पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना भी करना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार ने ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए तीन वर्ष पूर्व इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड जारी किए थे।