यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश का एक ऐसा तेज तर्रार एवं ईमानदार पुलिस अधिकारी, जिसकी सादगी की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं, पुलिस ट्रेनिंग में जिस अधिकारी की काबिलियत की प्रशंसा की जाती है, जिस अधिकारी ने बलिया नगर को अतिक्रमण मुक्त कराया, जिस अधिकारी ने सरकारी बस से एसपी का पद ग्रहण करने कानपुर पहुंचा, जिस अधिकारी ने मेरठ के सोतीगंज में चोरी के वाहन के सबसे बड़े गैंग पर शिकंजा कसा, उस आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी का रविवार की रात्रि पीएसी की 32वीं बटालियन में सेनानायक के तौर पर ट्रांसफर कर दिया गया। बरेली के जोगी नवादा में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए कांवड़ियों पर की गई लाठी चार्ज के महज चार घंटे बाद ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। उनकी जगह पर सीतापुर के एसपी घुले सुशील चंद्रभान को बरेली का नया एसएसपी बनाया गया है।
बरेली के जोगी नवादा में माहौल खराब करने वालों पर एसपी द्वारा लाठी चार्ज करने के महज कुछ घंटे के अंदर प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर पर विपक्ष ने नाराजगी जतायी है। प्रभाकर चौधरी के लिए यह पहला ट्रांसफर नहीं है। पिछले 13 सालों के कार्यकाल में उनका 21 बार ट्रांसफर किया जा चुका है।
बरेली के जोगी नवादा में माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों को खदेड़ने के लिए प्रभाकर चौधरी ने लाठी चार्ज का आदेश दिया था। इसमें कुछ लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि कांवड़िए डीजे के साथ गैर परंपरागत रास्ते से जाने की जिद करने लगे। इस भीड़ में कुछ अराजकतत्व भी शामिल हो गए थे। पुलिस सीसीटीवी की मदद से उन्हें चिन्हित कर रही है। प्रभाकर चौधरी के कड़े तेवर की वजह से अराजक तत्वों के मंसूबे सफल नहीं हो पाए।
प्रभाकर चौधरी के अनुसार कुछ लोग नए रूट से जाने की जिद कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनमें कुछ खुराफाती लोग आकर शामिल हो गए और जबरदस्ती जाने की जिद करने लगे, आक्रामक होने लगे, जिसकी वजह से हमें हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी नाराजगी जतायी है।