यूपी80 न्यूज, बलिया
बलिया जनपद के बेल्थरारोड में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा को खूब सजाया गया था। गुरूद्वारा में देर रात तक शबद कीर्तन, अरदास, भजन संध्या का कार्यक्रम चला। इस दौरान लोगों ने लंगर भी छका। कार्यक्रम में गंगा जमुनी संस्कृति की झलक नजर आई।
बेल्थरारोड के रामलीला मैदान स्थित गुरुद्वारा में गुरु गोविंद सिंह की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया था। शबद कीर्तन के पश्चात प्रसाद के रूप में हलवा व चना का वितरण किया गया।
इस अवसर पर सरदार केशर सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह शौर्य और साहस के प्रतीक हैं। उन्होंने अंधकार को दूर किया तथा खालसा वाणी दी। उन्होंने खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों से कई बार लड़ाई की। कहा कि इसीलिए उनके जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व कहा जाता है।
सरदार मोहन सिंह वर्मा ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने ही कर्मकांड में उलझे समाज को राह दिखाई, औरत को महान दर्जा दिया एवं हमें जीवन जीने की राह सिखाई। उन्होंने कहा कि अगर हम उनकी शिक्षाओं में से कुछ भी अपना लें तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में लंगर शुरू हुआ। लंगर में सभी धर्मों के लोग शामिल रहे। उन्होंने जमकर लंगर छका। कार्यक्रम में जसवंत सिंह, गुरुजीत सिंह, जसपाल सिंह, जसबीर सिंह, यशवीर सिंह रिंकू, अमरप्रीत सिंह सहित सैंकड़ों लोग शामिल रहे।
पढ़ते रहिए यूपी80 न्यूज: दूध के कारोबार से बुंदेलखंड की 13 हजार महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’