यूपी80 न्यूज, लखनऊ
मऊ की घोसी Ghosi विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बसपा BSP ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। अब यहां पर भाजपा व सपा के बीच सीधा मुकाबला है। सपा को अपनी सीट बचानी है तो भाजपा को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेशवासियों को सकारात्मक संदेश देना है। भाजपा BJP ने सपा से आए दारा सिंह चौहान Dara Singh Chauhan पर पर दांव लगाया है तो वहीं सपा ने सुधाकर सिंह Sudhakar Singh को प्रत्याशी बनाया है।
मायावती की पार्टी बसपा ने घोसी उपचुनाव से बना ली है। बसपा के कदम को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब बसपा यूपी में हो रहे उपचुनाव से दूरी बनाई हो। ऐसा पहले भी देखने को मिला है। हालांकि पिछले साल तक बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर Bhim Rajbhar मऊ के ही रहने वाले हैं। नगर निकाय चुनाव में बसपा ने मऊ नगर पालिका पर जीत का झंडा बुलंद किया, बावजूद इसके उपचुनाव से बसपा खुद को अलग कर ली है।
घोसी में अब सीधा मुकाबला भाजपा और सपा बीच होगा। मायावती के निर्णय से किसे फायदा मिलेगा, सोचने का विषय है। घोसी विधानसभा सीट बसपा के लिए बड़े जनाधार की मानी जाती है। मायावती के उपचुनाव में प्रत्याशी न उतारने को लेकर यह माना जा रहा है कि यह राजनीतिक चाल हो सकती है। मायावती का यह दांव ‘इंडिया I.N.D.I.A’ के नेताओं को संदेश देने की कोशिश है। मायावती देखना चाहती हैं कि सपा इंडिया गठबंधन के साथ कितनी मजबूती से इस सीट पर लड़ पाएगी। मायावती चाहती हैं कि चुनाव से दूर होने पर विपक्ष के नेताओं को उनकी कमी महसूस हो। बसपा की दूरी के बाद भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। उपचुनाव के रिजल्ट का उत्तर प्रदेश विधानसभा की स्थिति में कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले गैर-यादव ओबीसी के बीच अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए घोसी सीट को सपा से छीनने की हर मुमकिन कोशिश करेगी।
सपा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका देने की कोशिश करेगी और राज्य में अपने मूल मतदाताओं को एक मजबूत संदेश भेजने का प्रयास करेगी। एक तरफ सपा इंडिया गठबंधन में खुद को साबित करने की चुनौती होगी तो दूसरी ओर, बसपा के प्रत्याशी नहीं उतारने से बीजेपी भी मुश्किल में दिख सकती है। बीजेपी चाह रही है कि मायावती घोसी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारे, ताकि उसके लिए जीत आसान हो सके।