यूपी80 न्यूज, लखनऊ
पुरानी पेंशन बहाली OPS की मांग को लेकर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रर्दशन Protest कर सरकार को घेरा। पुरानी पेंशन व्यवस्था Old Pension Scheme बहाली संयुक्त मंच बनाकर केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी संगठनों के साथ शिक्षकों के संगठनों ने देशव्यापी आन्दोलन जनवरी से प्रारम्भ कर दिया है। आज 21 मार्च को लखनऊ के ‘‘कर्मचारी प्रेरणा स्थल‘‘ बीएन सिंह प्रतिमा स्थल सरोजनी नायडू पार्क में इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
धरने को सम्बोधित करते हुए आरके पाण्डेय ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी के बुढापे का सहारा है। एसयू शाहा ने कहा कि पेंशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है। इं. हरि किशोर तिवारी ने कहा कि पेंशन भीख नहीं है, आन्दोलनों के उपरान्त सरकार द्वारा दिया गया। शिवबरन यादव, परिषद ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की बात को अनुसना कर रही है, जो घातक हो सकता है। यदि पुरानी पेंशन नही दी गई तो पूरा कर्मचारी समाज एक साथ सड़कों पर आकर आन्दोलन करेंगे।
इं.एनडी द्विवेदी, पीडब्लूडी ने कहा कि बिना आन्दोलन के कुछ नहीं हो सकता है। अब केन्द्रीय व राज्य के कार्मिक एक हैं। आन्दोलन बड़ा होगा। शत्रुघ्न यादव, ने कहा कि पहले भी आन्दोलन हुए है किन्तु केन्द्र व राज्य एक साथ मिलकर शिक्षकों को साथ लेकर बड़ा आन्दोलन होने जा रहा है। एसबी सिंह ने कहा कि सरकार वोट की राजनीति से डरती है। इस बार 2024 का लोक सभा चुनाव व मुद्दा बनेगा। अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापक जनसम्पर्क के बाद ही यह आन्दोलन चलाया जा रहा है इसलिए इसका व्यापक प्रभाव होगा। विवेक कुमार ने कहा कि आईटीआई के सभी कर्मचारी एकजुट हैं। केन्द्रीय कर्मचारी संगठन साथ है। आंदोलन व्यापक असरकारी होगा। अमिता त्रिपाठी परिषद लखनऊ ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जोर-शोर से कार्यक्रम हो रहे हैं। किन्तु लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के कारण विशेष प्रभाव छोड़ता है। संगठनों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। हमारा आन्दोलन सफल होगा। प्रमोद वर्मा आकाशवाणी ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के साथ मिलकर पुरानी पेंशन मुद्दे पर आन्दोलन करना नया प्रयोग है। राज्य कर्मचारी संगठनों का पूरा समर्थन केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों को प्राप्त हो रहा है। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। हमारी जीत होगी। सुजीत कुमार लेखपाल संघ ने कहा कि लेखपाल जमीन स्तर पर कार्य करता है। बुढ़ापे में दर दर की ठोकरें नहीं खाना चाहता है। सरकार जिम्मेदारी ले। लेखपाल संघ के राममूरत यादव ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तब तक कर्मचारी शिक्षक समाज का संघर्ष जारी रहेगा। आजमगढ़, बलिया, बस्ती, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर हापुड़ बाँदा, चित्रकूट, कानपुर, इटावा, वाराणसी, फतेहपुर, अयोध्या, गोण्डा, बहराइच, बाराबंकी, सीतापुर, पीलीभीत, बदायूँ, बेरली, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, झाँसी, जालौन, श्रावस्ती, महराजगंज, सुल्तानपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, बलरामपुर, मिर्जापुर गाजीपुर, मऊ, सिद्धार्थनगर, देवरिया, कुशीनगर, मुरादाबाद, सहित, प्रदेश भर के सभी जनपदों में प्रर्दशन धरना व्यापक रुप से रहा।