22 साल पहले बेटा-बेटी की मौत से टूट गए थे शिंदे, राजनीति से लेना चाहते थे सन्यास
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
ऑटो चालक के तौर पर जीवन की शुरूआत करने वाले शिवसेना Shivsena के बागी नेता एकनाथ शिंदे Eknath Shinde ने गुरुवार को महाराष्ट्र Maharashtra के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस Devendra Fadnavis ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठित नई सरकार को बधाई दी है।
9 फरवरी 1964 में जन्मे एकनाथ शिंदे मूलत: सतारा Satara जिले के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने पुणे Pune को अपना कार्य क्षेत्र चुना। जीवन यापन के लिए शुरूआती दिनों में उन्होंने ऑटो भी चलाया। बाला साहेब ठाकरे Bala Saheb Thackeray की हिन्दुत्ववादी विचारधारा से प्रभावित होकर एकनाथ शिंदे शिवसेना में शामिल हुए और 1997 में ठाणे नगर निगम में पार्षद चुने गए। वह 2004 में पहली बार विधायक चुने गए। आपको सड़कों पर उतरकर राजनीति के लिए जाना जाता है। आप चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
बेटे-बेटी की मौत से राजनीति छोड़ने का लिया था फैसला:
आज से 22 साल पहले 2 जून 2000 को एकनाथ शिंदे के 11 वर्षीय बेटा और 7 वर्षीय बेटी की बोटिंग के दौरान हादसे में मौत हो गई। इस घटना से एकनाथ शिंदे टूट गए और राजनीति से सन्यास लेने का फैसला लिया, लेकिन शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दीघे ने उन्हें दोबारा राजनीति में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिलहाल आपका बेटा श्रीकांत शिंदे कल्याण से सांसद है।