यूपी में सलाना 22 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत, इकट्ठा होता है 13.59 लाख यूनिट ब्लड, राज्य में हैं केवल 27 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदाता
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
देश की सर्वाधिक आबादी उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh की है। यहां प्रतिवर्ष 22 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत होती है, लेकिन इस बड़े राज्य में हर साल मुश्किल से 13.59 लाख यूनिट ब्लड ही इकट्ठा हो पाता है। इसमें से केवल 27 परसेंट ही स्वैच्छिक रक्तदाता हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2020 तक 100 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य रखा है। इस बड़े अंतर को दूर करने और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमें जागरूक होने की जरूरत है। प्रदेशवासी अपने बच्चे के जन्मदिन अथवा अन्य किसी खुशी के अवसर पर रक्तदान Blood Donation कर खुशियों को बढ़ा सकते हैं और परोपकार व मानवता जैसी मूल्यों को जिंदा रखा जा सकता है। यह कहना है उत्तर प्रदेश के राज्य रक्त संचरण परिषद के निदेशक हीरा लाल का।
हीरा लाल Heera Lal कहते हैं कि रक्त की आवश्यकता केवल स्वैच्छिक और नियमित रक्तदान से ही पूरी की जा सकती है। स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त ही सुरक्षित होता है। रक्तदान से गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को नया जीवनदान दिया जा सकता है। रक्तदान से गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार रोगियों, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों, हिमोफीलिया / थैलीसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बचाया जा सकता है।
पूरे महीने मनाया जाएगा स्वैच्छिक रक्तदान दिवस:
इस साल रक्त की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने पूरे महीने स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाने का फैसला किया है। इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की थीम है ‘सेव ब्लड सेव लाइव्स’ और स्लोगन है – ‘गिव ब्लड एंड मेक वर्ल्ड ए हेल्दियर प्लेस।’
रक्त का नहीं है विकल्प:
हीरा लाल Heera Lal कहते हैं कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। रक्त किसी लैब में नहीं बनाया जा सकता है। जिसे रक्त की आवश्यकता होती है, उसे केवल रक्तदान Blood Donation से ही बचाया जा सकता है। एक यूनिट ब्लड से 4 लोगों को बचाया जा सकता है। हर दो सेकेंड में किसी न किसी व्यक्ति को रक्त की जरूरत होती है। लेकिन दु:ख की बात है कि रक्तदान करने योग्य व्यक्ति में से केवल 4 फीसदी ही रक्तदान करते हैं।
कोरोना काल में घट गया स्वैच्छिक रक्तदान:
राज्य रक्त संचरण परिषद की सचिव डॉ.गीता अग्रवाल Dr Geeta Aggarwal कहती हैं कि प्रदेश में 352 ब्लड बैंक संचालित होते हैं। इनमें सरकारी 107 और गैर सरकारी 245 हैं। 18 से 65 वर्ष के बीच और 45 किलो से ज्यादा वजन एवं 12.5 हिमोग्लोबिन वाला कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। प्रत्येक 3 महीने पर पुरुष और 4 महीने पर महिलाएं रक्तदान कर सकती हैं। हालांकि डॉ.गीता अग्रवाल महिलाओं में रक्तदान का प्रतिशत महज 4.33 फीसदी होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहती हैं कि इस मानवीय कार्य के लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए। महिलाएं रक्तदान कर जीवनदान देकर अपना नाम जगत जीवनदायिनी के रूप में सार्थक करें।
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