करवट ले सकती है पूर्वांचल की सियासत, कई पार्टियों का समाजवादी पार्टी में हुआ विलय
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
पूर्वांचल के बाहुबली कहे जाने वाले ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के दोनों पुत्र रविवार को हाथी छोड़ साइकिल पर सवार हो गए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की उपस्थिति में हरिशंकर तिवारी के छोटे पुत्र एवं विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके बड़े पुत्र एवं संत कबीर नगर से पूर्व सांसद कुशल तिवारी के अलावा उनके भांजे पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर बुंदेलखंड इंसाफ सेना, निषाद सेना एवं मान्यवर कांशीराम सर्वसमाज सेना ने समाजवादी पार्टी में विलय कर लिया।

बता दें कि हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। बसपा में शामिल होने से गोरखपुर मंडल सहित पूर्वांचल में दलित-ब्राह्मण गठजोड़ मजबूत हुआ। इनके छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी ने 2017 में मोदी लहर के बावजूद गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा से विधायक चुने गए। ये गोरखपुर जनपद में इकलौते गैर भाजपायी विधायक हैं।

बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं विनय शंकर तिवारी:
हरिशंकर तिवारी का परिवार 13 साल पहले बसपा में शामिल हुआ। 2008 में विनय शंकर तिवारी ने बलिया में लोकसभा उपचुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इनके बड़े पुत्र कुशल तिवारी संत कबीरनगर से बसपा के टिकट पर दो बार सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

ये भी हुए शामिल:
इस मौके पर गोरखपुर के लक्ष्मीपुर के ब्लॉक प्रमुख संतोष पांडेय, बसपा के पूर्व प्रत्याशी संजय दीक्षित, फतेहपुर सदर से पूर्व प्रत्याशी बसपा समीर त्रिवेदी, गोंड कर्नेलगंज के पूर्व बसपा प्रत्याशी संतोष तिवारी सहित बसपा के कई पदाधिकारी सपा में शामिल हुए।

