अधिवक्ताओं की मांग- पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए, मामले की सीबीआई जांच व डीएम पर मुकदमा दर्ज हो
यूपी80 न्यूज, बलिया
उत्तर प्रदेश बोर्ड एक्जाम का पेपर लीक Paper leak मामले में बलिया Ballia जनपद में गिरफ्तार किए गए पत्रकारों (अमर उजाला के अजीत ओझा Ajit Ojha , दिग्विजय सिंह Digvijay Singh व राष्ट्रीय सहारा के मनोज गुप्ता Manoj Gupta उर्फ झब्बू) के समर्थन में अधिवक्ता संघ उतर गया है। अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से इस पूरे प्रकरण में जिला प्रशासन पर घोर लापरवाही एवं उदासीनता का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने और सीबीआई जांच की मांग की है। अधिवक्ताओं ने इस प्रकरण में वायरल पेपर की सत्यता जांचें बिना डीएम द्वारा पेपर निरस्त किए जाने को संदेह के घेरे में बताया है।
अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 बलिया सहित कुल 24 जनपदों में अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र का कोड संख्या 316 ई डी 316 ईआई का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना प्रसारित हुई थी। बावजूद इसके जिलाधिकारी बलिया द्वारा घोर उदासीनता व लापरवाही का परिचय दिया गया।
उन्होंने सवाल किया कि परीक्षा निरस्त करने की घोषणा लगभग दो घंटा पहले ही बिना वायरल पेपर की सत्यता से मिलान किये आखिर कैसे कर दी गई। इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि जिलाधिकारी बलिया ने अंग्रेजी के पेपर को समयपूर्व ही सीलबंद लिफाफे को खोल कर देखा और इसकी गोपनीयता भंग की। अधिवक्ताओं ने मांग की है कि पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।
अधिवक्ता वरुण पांडेय ने भी पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की। अधिवक्ता अखिलेन्द्र चौबे ने कहा कि हम कोर्ट में डीएम के कार्रवाई को गलत ठहराएंगे। इस प्रकरण में भ्रष्टाचार को हम हाईकोर्ट तक ले जाएंगे। इस मौके पर अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह, रजनीश तिवारी, मनोज कुमार तिवारी, अशोक कुमार वर्मा, सोनू गुप्ता सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे।
पेपर लीक मामले में प्रशासन की विफलताओं को छिपाने के लिए पत्रकार की हुई गिरफ्तारी : कान्हजी
बलिया:

यूपी बोर्ड की परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र के प्रतिनिधि पर ठीकरा फोड़ रही है। अजीब विडंबना है कि पत्रकार ने पेपर लीक होने की सूचना विभागीय एवं जनपदीय अधिकारियों को दी, जो बोर्ड के नियमानुसार उचित एवं नियमसंगत है। फिर भी पत्रकार को ही अभियुक्त बना देना निंदनीय एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की जुबान बन्द करना है। समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय “कान्हजी” ने प्रेस को जारी अपने बयान के माध्यम से यह बात कही है।
कान्हजी ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुंद करने की फिराक में रही है। जब भी मौका मिला है ये लोग चौथे स्तंभ को दबाए हैं। लेकिन इन्हें यह समझना चाहिए कि सरकारी डंडे से जब-जब लोकतंत्र को दबाने और इसकी जुबान और लेखनी को बंद कराने का प्रयास हुआ है लोकतांत्रिक ढांचा और इसकी जुबान और अधिक मजबूत हुई है। सपा के जिला प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी निर्दोष फंसाये गए लोगों को न्याय की मांग करती है।