यूपी 80 न्यूज़, जौनपुर
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण कराने और रंगदारी मांगने के आरोप में पूर्व सांसद धनंजय सिंह Dhananjay Singh को बुधवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी एमएलए शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम सिंह को अपहरण व रंगदारी में दोषी करार दिया था। एवं सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए छह मार्च की तिथि नियत की गई थी।
मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके साथी विक्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तहरीर में कहा था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने साथी विक्रम सिंह के साथ दो व्यक्ति पचहटिया स्थित साइड पर पहुंचे। वहां फॉर्च्यूनर गाड़ी में उनका अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास में ले गए। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी की फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव डालने लगे। वादी के इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगा। किसी प्रकार उनके चंगुल से निकलकर वादी लाइन बाजार थाने पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। माना जा रहा है कि अब शायद धनंजय सिंह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इस मामले में जेल जाते हुए धनंजय सिंह ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, “केवल हमको चुनाव से रोकने के लिए ये षड्यंत्र रचा गया है।”