पीएम मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम से अमित ने कॅरिअर की शुरूआत की थी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के छात्र रहे हॉलैंड हॉल हॉस्टल के पूर्व अंत:वासी अमित राजपूत ने विश्व के सबसे युवा स्तंभकार होने का रिकार्ड दर्ज किया है। लंदन के हार्वर्ड वर्ल्ड रिकार्ड ने उन्हें यह ख्याति प्रदान की है। अमित की इस उपलब्धि से इविवि के छात्र और शिक्षक गौरवान्वित हैं।
हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड के अलावा इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड ने भी उनका नाम अपनी रिकॉर्ड बुक में दर्ज़ किया है। इस तरह इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले अमित राजपूत भारत और देश के बाहर वैश्विक स्तर पर दुनिया के सबसे युवा स्तंभकार के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं।
फतेहपुर के निवासी हैं अमित:
मूलत: फतेहपुर के रहने वाले अमित राजपूत विश्वविद्यालय में वर्ष 2011 से 2014 तक आधुनिक इतिहास एवं राजनीति एवं विज्ञान विषय में स्नातक के छात्र रहे। इस दौरान वह हॉलैंड हाल छात्रावास में रहा करते थे। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अमित की रंगकर्म में गहरी दिलचस्पी रही। वह ‘द थर्ड बेल’ संस्था के साथ रंगमंच में भी काफी सक्रिय रहे।
पीएम की ‘मन की बात’ कार्यक्रम से कॅरिअर की शुरूआत की:
स्नातक के बाद अमित प्रयागराज से नई दिल्ली चले गए और वहां भारतीय जनसंचार संस्थान के 2014-15 बैच से पत्रकारिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने कॅरिअर की शुरुआत आकाशवाणी, दिल्ली में प्रधानमंत्री के विशेष कार्यक्रम ‘मन की बात’ के साथ की थी। इन दिनों वह स्वतंत्र लेखन में सक्रिय हैं। हालांकि आकाशवाणी से उनका जुड़ाव आज भी विभिन्न माध्यमों से बना हुआ है। अमित राजपूत की ब्रॉडकास्टर एवं स्तंभकार के अलावा एक संवेदनशील लेखक और नाटककार के रूप में भी पहचान है। अंतर्वेद प्रवर, जान है तो जहान है, आरोपित एकांत और हाल ही में प्रकाशित कोरोनानामा उनकी चर्चित पुस्तकें हैं।