2019 में राज्य सभा चुनाव के दौरान राजा भैया ने बसपा की बजाय भाजपा को दिया वोट, नाराज अखिलेश यादव ने बना ली दूरी
यूपी80 न्यूज, प्रतापगढ़
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर भले ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया ने उनसे मुलाकात कर उन्हें बधाई दी हो, लेकिन अखिलेश यादव इससे इत्तफाक नहीं रखते हैं। अखिलेश यादव ने अपनी राजनीति की राह बदल ली है। प्रतापगढ़ में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव से राजा भैया के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा-कौन है राजा भैया ? किनका नाम ले रहे हो?
प्रतापगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं पर हुआ सबसे ज्यादा अन्याय:
अखिलेश यादव ने कहा कि इतना अन्याय कहीं नहीं हुआ जितना की प्रतापगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं पर हो रहा है।
राज्य सभा चुनाव के बाद हो गई दूरी:
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा गठबंधन के दौरान राज्य सभा चुनाव में राजा भैया ने बसपा उम्मीदवार की बजाय भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था। राजा भैया के इस फैसले से अखिलेश यादव ने नाराजगी जताते हुए राजा भैया से दूरियां बना ली।
उधर, तीन दिन पहले राजा भैया ने लखनऊ में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अगले दिन उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि राजा भैया को भी अखिलेश यादव अपने गठबंधन में शामिल कर सकते हैं। लेकिन रविवार को प्रतापगढ़ पहुंचे अखिलेश यादव ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
मुलायम सिंह ने राजा भैया पर से पोटा हटाया था:
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने शासनकाल में राजा भैया पर पोटा लगाया था, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया पर लगा पोटा हटा दिया था।
लगातार छह चुनाव जीत चुके हैं राजा भैया:
राजा भैया प्रतापगढ़ के कुंडा सीट से 1993 से विधायक हैं। छह चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लगातार छह चुनाव जीत चुके हैं। तीन साल पहले उन्होंने जनसत्ता दल के नाम से अपनी पार्टी का गठन किया है।
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