केके वर्मा, लखनऊ
राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में एयर एंबुलेंस की सुविधा शीघ्र शुरू होगी। मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे मरीजों को तत्काल एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाया जा सकेगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एयर एंबुलेंस कंपनियों से करार किया जाएगा। इससे एयर एंबुलेंस का खर्चा तय कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की रणनीति है कि एयर एंबुलेंस कंपनियों से करार करके दूरी और समय के हिसाब से दर तय कर दी जाए, जिससे भर्ती गंभीर मरीज को दूसरे शहर में शिफ्ट करने में सुविधा रहे। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर के मुताबिक एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू होने से प्रदेश के मरीजों के साथ आसपास के प्रदेश के मरीजों को भी यहां ले आने में सहूलियत मिलेगी। प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। एसजीपीजीआई में करीब तीन साल पहले इमरजेंसी ब्लॉक के बगल में एयर एंबुलेंस के लिए रनवे बनाने की जगह चिह्नित की गई। अभी तक यह परियोजना शुरू नहीं हो पाई है। इसी तरह केजीएमयू के ट्रामा फेज-2 की परियोजना में एयर एंबुलेंस उतारने की सुविधा दी जाएगी। लखनऊ के चिकित्सा संस्थानों के बाद झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, मेरठ सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी हवाई पट्टी बनाई जाएगी। इससे यहां भर्ती होने वाले मरीजों को दूसरी जगह भेजने और मरीजों को अन्य स्थानों से यहां लाने में आसानी होगी। दो साल पहले उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क हादसे में घायल होने के बाद सरकारी खर्चे पर एयर एंबुलेंस ली गई थी। ऐसे में केजीएमयू से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। लोहिया संस्थान की डॉक्टर को चेन्नई भेजने के लिए भी किराये पर एयर एंबुलेंस ली गई थी। सुविधा शुरू होने के बाद ग्रीन कॉरिडोर नहीं बनाना पड़ेगा।