दो बच्चों की खुद परवरिश करने वाली आशा कंडारा Asha Kandara दिन में झाडू़ लगाती और रात में पढ़ाई करती; चहुं ओर हो रही प्रशंसा
यूपी80 न्यूज, जोधपुर/नई दिल्ली/ By Baliram Singh
संविधान निर्माता डा.भीम राव आंबेडकर Dr BR Ambedkar ने आगे बढ़ने के लिए शिक्षा का जो मंत्र दिया था, उस मंत्र को अपनाते हुए जोधपुर Jodhpur की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली दलित Dalit बहन आशा कंडारा Asha Kandara ने राजस्थान Rajsthan की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा आरएएस परीक्षा-2018 RAS Exam 2018 को पास किया है। बहन आशा कंडारा की इस सफलता की चहुं ओर प्रशंसा हो रही है। भीम आर्मी Bhim Army चीफ चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ Chandra Shekhar Azad Ravan ने आशा कंडारा की तारीफ करते हुए उन्हें वंचित समाज के लिए प्रेरणापुंज बताया है।
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राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से मंगलवार रात को घोषित किए गए आरएएस परीक्षा 2018 के परिणामों में आशा ने 728 वीं रैंक हासिल की है। आशा कंडारा Sweeper Asha Kandara पिछले कई सालों से नगर निगम में अस्थायी सफाईकर्मी के तौर पर कार्यरत है। वह जोधपुर की सड़कों पर झाडू लगाती हैं।
आशा कंडारा ने अपने कार्य के साथ अनुशासनपूर्वक पढ़ाई कर राजस्थान प्रशासनिक सेवा जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल होकर यह साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं है। कड़ी मेहनत के बल पर आशा ने जो सफलता अर्जित की है, उसने वह कहावत को चरितार्थ कर दिया है कि ‘कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता’, चाहे हालात कैसे भी क्यों ना हों।
दिन में सफाई, रात में पढ़ाई:
दो बच्चों की मां आशा कंडारा अपने बच्चों की परवरिश भी खुद करती हैं। वह दिन में जोधपुर की सड़कों पर सफाई का काम करतीं और वक्त मिलने पर पढ़ाई करतीं। अपने सपनों को साकार करने के लिए वह निरंतर कड़ी मेहनत करती रहीं और अंतत: उन्होंने सफलता हासिल की।
दो बच्चों की खुद परवरिश करती हैं आशा कंडारा:
8 साल पहले पारिवारिक समस्या की वजह से आशा अपने दो बच्चों के साथ पति से अलग हो गईं और खुद बच्चों का पालन-पोषण करती हैं। पहले वह नगर निगम में अस्थायी सफाईकर्मी के तौर पर नौकरी करती रहीं एवं पढ़ाई करती रहीं। खास बात यह है कि आशा को 12 दिन पहले ही नगर निगम में सफाईकर्मी के तौर पर स्थायी नौकरी भी मिली थी।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बताया प्रेरणास्रोत:
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने ट्वीट किया है,
“बहन आशा की संघर्षों भरी जिंदगी मां सावित्रीबाई फुले जी के संघर्षों की याद दिलाती है। बहन आशा कंडारा के आरएएस बनने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं। हमारा समाज बहन आशा से सीखे और संकल्प लेकर गुलामी की बेड़ियां तोड़कर शिक्षा की ओर आगे बढ़े।
जय सावित्री, जय भीम।”
साभार: www.dalitawaaz.com
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