बसपा के बागी विधायक निलंबित, इनमें 3 मुस्लिम, 2 ओबीसी, 1 एससी व एक राजपूत विधायक शामिल
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
राज्यसभा चुनाव से पहले बगावती तेवर अपनाने वाले 7 बसपा विधायकों को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए वह बीजेपी सहित किसी से भी गठबंधन करने को तैयार हैं। उधर, निलंबित विधायकों ने आरोप लगाया है कि बसपा सुप्रीमो भाजपा से मिल गई हैं।
इन विधायकों को किया गया निलंबित:
1.श्रावस्ती के भिनगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक असलम राइनी
2.हापुड़ के ढोलाना से विधायक असलम अली
3.प्रयागराज के प्रतापपुर से विधायक मुजतबा सिद्दीकी
4.प्रयागराज के हांडिया से विधायक हाकिम लाल बिंद
5.सीतापुर के सिधौली से विधायक हरगोविंद भार्गव
6.जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से महिला विधायक सुषमा पटेल
7.आजमगढ़ के सगड़ी से महिला विधायक वंदना सिंह
निलंबित किए गए इन 7 विधायकों में से तीन मुस्लिम, दो ओबीसी, एक अनुसूचित जाति और एक राजपूत समाज से हैं। इन विधायकों के निलंबन से बहुजन समाज में नकारात्मक संदेश जाएगा।
अखिलेश यादव के अनुरोध पर हमने केस वापस लिया:
मायावती ने कहा कि गठबंधन के पहले दिन से ही अखिलेश यादव हमारी पार्टी के सतीशचंद्र मिश्रा से यह कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूल कर केस वापस ले लेना चाहिए। इसी कारण हमको चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सपा को सबक सिखाने के लिए उन्हें भाजपा को भी वोट देना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगी। विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी को जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2003 में अखिलेश यादव के पिता ने भी यही गलत काम किया था और अब अखिलेश यादव ने भी वही काम किया है। विधान परिषद चुनाव में हम समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को बुरी तरह हराएंगे। इसके लिए पूरी ताकत झोंक देंगे। इसके लिए यदि हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को अपना वोट देना पड़े तो हम वो भी करेंगे। उन्होंने समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी बताया।
उधर, निलंबित किए गए विधायकों ने मायावती पर भाजपा से मिलने का आरोप लगाया है। विधायकों का कहना है कि जब हमने इसका विरोध किया तो हमें पार्टी से निकाल दिया गया।