To give the status of the tribe to the Biyar society, Anupriya Patel wrote a letter to Union Minister Arjun Munda.
छत्तीसगढ़ में बियार समाज Biyar Samaj आदिवासी Tribes के अंतर्गत आता है
– बियार समाज का आर्थिक , शैक्षणिक, राजनैतिक एवं सामाजिक स्तर अत्यंत चिंताजनक
मिर्जापुर, 11 जुलाई
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मिर्जापुर की लोकप्रिय सांसद अनुप्रिया पटेल Anupriya Patel ने केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा Arjun Munda को पत्र लिखकर बियार समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली बियार जाति गरीब आदिवासी जाति है। इस समुदाय को मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ में वर्ष 1951 से ही बियार जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है, जबकि संस्कृति, रीति – रिवाज, आर्थिक समानता होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में बियार जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं दिया गया है।
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अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि बियार समाज का आर्थिक, शैक्षणिक, राजनैतिक एवं सामाजिक स्तर अत्यंत ही गिरा हुआ है जिससे गरीबी के कारण शिक्षा का अभाव है। इस जाति का लगभग 90 प्रतिशत जीवन पूर्णतया मजदूरी पर ही आश्रित है। अत: माननीय मंत्री जी से अनुरोध है कि बियार जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हुए संबंधित को निर्देशित करने की कृपा करें।
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बता दें कि अपना दल (एस) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं अखिल भारतीय बियार समाज के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश बियार Dinesh Biyar (ग्राम – थीरू, पोस्ट- बिच्छी, जनपद-सोनभद्र, उ.प्र.) ने इस बाबत पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की संसदीय दल की नेता श्रीमती अनुप्रिया पटेल से अनुरोध किया था। जिस पर अनुप्रिया पटेल ने इस मामले को संसद में उठाने का आश्वासन दिया है।
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अपना दल (एस) के प्रदेश प्रवक्ता राजेश पटेल का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है। अंतिम छोर पर खड़े एक समाज के विकास से संबंधित मामला है। बियार समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने पर इस समुदाय का चहुंमुखी विकास होगा।
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बता दें कि एक दिन पहले 10 जुलाई को अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कोल समाज को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने का मुद्दा उठाया था। अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि अन्य राज्यों में कोल समुदाय आदिवासी समाज के अंतर्गत आता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोल समाज को अनुसूचित जाति में रखा गया है। कोल समाज के चहुंमुखी विकास के लिए इसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलना जरूरी है।