यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रदेश की बुनियादी ढांचा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सूबे के सरस्वती के मंदिर का गजब हाल है। इस मंदिर में छात्रों को देश व राज्य का ढांचागत विकास करने के लिए विशेष किस्म की शिक्षा दी जाती है। यहां पर एक ऐसे कर्मचारी की चर्चा है, जो एक दो वर्ष नहीं, बल्कि कई वर्षों से एक ही जगह पर कुर्सी पर बैठे हुए हैं। और जेब में भर-भर कर लक्ष्मी जी को भर रहे हैं।
मजे की बात यह है कि जनाब हैं तो कम्प्यूटर प्रोग्रामर, लेकिन चलते हैं महंगी ऑडी कार से। विभाग में जनाब की खूब चर्चा है, लेकिन कोई मुंह नहीं खोलता है। चर्चा तो यहां तक है कि जनाब के शिक्षा माफियाओं से खूब बनती है। किसी पेपर में रुकावट आने पर विद्यार्थी को पिछले दरवाजे से उसे आगे कराने में भी जनाब की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
खैर, सूबे के मुखिया भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात तो खूबर करते हैं, लेकिन शायद उन्हें बोर्ड में बैठे इस जनाब के बारे में जानकारी नहीं है। अब सवाल है कि क्या विभाग के तेज-तर्रार वजीर को भी इनके बारे में मालूम है या नहीं,,,,,।