यूपी80 न्यूज़, बलिया
जिस जिले में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी का सबसे ज्यादा हनक है, उसी जिले में राजभर के कार्यकर्ता की पुलिस ने पिटाई कर दी। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। बलिया जनपद में सुभासपा कार्यकर्ता उमापति राजभर की पिटाई मामले में उप निरीक्षक और सिपाही को पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने निलंबित कर दिया है।
प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर इस मामले को लेकर काफी नाराज थे। उन्होंने बुधवार की शाम तक का अल्टीमेटम दिया था। राजभर ने ऐलान किया था कि पुलिस वालों पर एक्शन के लिए सात मार्च को बांसडीह थाने के बाहर प्रदर्शन और घेराव का नेतृत्व करेंगे।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता अरुण राजभर ने बुधवार को रसड़ा में कहा था कि पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा और कांस्टेबल शैलेश ने मंगलवार को पार्टी के बांसडीह क्षेत्र प्रभारी उमापति राजभर के साथ दुर्व्यवहार किया। अरुण के अनुसार उनके पिता और प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पुलिस को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बुधवार शाम तक की मोहलत दी थी। वहीं, बांसडीह कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा और शैलेश कुमार को पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने सस्पेंड कर दिया है।
सुभासपा नेता उमापति राजभर के साथ दुर्व्यवहार और कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में यह कार्रवाई हुई है।
बता दें कि सुभासपा नेता उमापति राजभर ने मंगलवार को पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके पैर पर एसडीएम बांसडीह के स्टेनो ने गाड़ी चढ़ा दी। गाड़ी चढ़ाने को लेकर हुए वाद विवाद में मौके पर मौजूद लोगों द्वारा मामला शांत करा दिया था। बाद में कस्बे के चौकी इंचार्ज रंजीत विश्वकर्मा और उनके सहयोगी शैलेश वर्मा द्वारा उनको कोतवाली में ले जाकर बेरहमी से मारा पीटा गया। एसआई रंजीत विश्वकर्मा के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पहुंचे सुभासपा नेताओं ने दरोगा और सिपाही के खिलाफ कारवाई की मांग की थी।
मामले में सुभासपा कार्यकर्ताओं ने थाने में जाकर दरोगा व एसडीएम के स्टेनो के खिलाफ तहरीर दी। जिसके बाद प्रकरण में राजनीति तेज होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने सीओ बांसडीह को मामले की जांच के निर्देश दिये। उधर, सुभासपा कार्यकर्ता दरोगा व अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।

