यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
क्या आप जानते हैं बांग्लादेश मे सरकार क्यों गिरी? इमेरजेंसी क्यों लागू हुयी? शेख हसीना को अपने देश से क्यों भागना पड़ा?
बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने आर्मी वेटरन की सन्तानों को 30% आरक्षण देने का प्रावधान किया था. जिसका विरोध पिछड़े व ग़रीब तबके के छात्रों ने किया।
1971 के बांग्ला मुक्ति संग्राम में शामिल आर्मी के ऑफिसर के बच्चों को विशेष आरक्षण देने का विरोध व्यापक स्तर पर शुरू हुआ. इस आरक्षण को भारत में #EWS आरक्षण के रूप मे देख सकते है,जो पूरी तरह से असंवैधानिक है. केंद्र सरकार व माननीय कोर्ट ने बिना आंकड़ों के इस आरक्षण को लागू किया.
इस आरक्षण का व्यापक विरोध हुआ.
शेख हसीना सरकार ने तानाशाही से प्रोटेस्ट को कुचलने की कोशिश की। प्रोटेस्ट और बढ़ता गया.
समाज के अन्य वर्गों और सिविल सोसाइटी का समर्थन मिलना शुरू हुआ.छात्रों ने कई शहरों मे चक्का जाम किया.
बांग्ला सरकार ने छात्रों को आतंकवादी कहा, और निपटने की धमकी दी. पुलिस -मिलिट्री व छात्रों के टकराव में सैकड़ो छात्रों की जान गयी.
ऐसे में विरोध राष्ट्रीय स्तर पर फ़ैल गया। छात्र अब शेख हसीना के इस्तीफा की मांग जोर पकड़ी।
छात्रों की हत्या के जिम्मेदार पुलिस- मिलिट्री अधिकारियों को सजा देने की मांग की गयी.
ज्यादा विरोध देखते हुये सभी प्रकार के आरक्षण को होल्ड किया.कुछ दिनों बाद न्यायालय के द्वारा आर्मी वेटरन के बच्चों वाला आरक्षण को स्वीकृति दे दी.
छात्रों का गुस्सा सरकार के प्रति और गहरा हुआ।
छात्रों को सिविल सोसाइटी और मिलिट्री का भी सहयोग मिला, साथ ही बाहरी ताकतों को बांग्ला सरकार को अस्थिर करने का मौका मिला.
ऐसे मे विरोध की चिंगारी देश के हर तबके मे फ़ैल गयी.
शेख हसीना को मजबूरी मे इस्तीफा देना पड़ा, और देश छोड़कर भागना पड़ा.
सरकार के तानाशाही रवैये, कोविड के बाद गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी, और विशेष वर्ग के लिये आरक्षण को लेकर अड़ने और कोर्ट के एक फैसले से शेख हसीना को जाना पड़ा.
–डा. अनूप पटेल
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति विशेषज्ञ,
राष्ट्रीय प्रवक्ता -ओबीसी महासभा