यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ/ नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। उन्हें भाजपा BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष अथवा उत्तर प्रदेश का फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। श्री मौर्य पिछले पांच दिनों से दिल्ली में जमे हुए हैं
इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya से बीएल संतोष एवं जेपी नड्डा ने बातचीत भी की है। इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य ने अमित शाह एवं राजनाथ सिंह से मुलाकात की है।
बता दे कि इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 बार कैबिनेट की बैठक कर चुके हैं, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य बैठक में शामिल नहीं हुए। चूंकि जेपी नड्डा के केंद्र में पुनः स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद ‘ वन मैन- वन पोस्ट’ के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ना निश्चित है। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में महाराष्ट्र से राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे, आदिवासी चेहरा फगन सिंह कुलस्ते और सुनील बंसल के अलावा केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है। केशव प्रसाद मौर्य और विनोद तावडे ओबीसी समाज से आते हैं। चूंकि अगले अगले ढाई साल बाद उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में केशव प्रसाद मौर्य के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पिछड़ों में एक बड़ा संदेश जायेगा। केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में पार्टी ने लंबे समय के वनवास के बाद 2017 में उत्तर प्रदेश में वापसी की। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
उधर, लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस्तीफा की पेशकश की है। हालांकि अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। यदि भूपेंद्र सिंह चौधरी का इस्तीफा स्वीकार किया जाता है तो उनकी जगह पर प्रदेश अध्यक्ष के लिए केशव प्रसाद मौर्य एक प्रबल दावेदार हैं। चूंकि केशव प्रसाद मौर्य जिस समाज से आते हैं, वह समाज उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान और हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश में काफी तादात में है। इस समाज को साधने के लिए पहले ही बीजेपी आला कमान ने यूपी के अलावा बिहार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर सम्राट चौधरी और हरियाणा में नायाब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना चुकी है।
मौर्य को फिर मिल सकता है पीडब्लूडी विभाग:
चूंकि उत्तर प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद पीलीभीत से सांसद बनने के बाद मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं। ऐसे में यदि केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के राष्ट्रीय अथवा प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पिछड़ जाते हैं तो उन्हें पीडब्लूडी विभाग भी मिल सकता है।