2017 में 5 में से तीन सीटों पर बसपा जीती, आज इन सीटों के विधायक विधायक समाजवादी पार्टी के पास हैं
बलिराम सिंह, 5 जनवरी
बसपा संस्थापक कांशीराम Kanshiram की सामाजिक न्याय की प्रयोगशाला एवं समाजवाद के प्रेरणता डॉ.राम मनोहर लोहिया की जन्मस्थली अंबेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र में हाथी की हालत खस्ता दिख रही है। 2017 में बसपा ने यहां से पांच में से तीन सीटें जीती थी, लेकिन अब तीनों विधायक हाथी से उतरकर साइकिल पर सवार हो चुके हैं। इनमें से एक सीट पर 2019 में हुए उपचुनाव में बसपा को हार का सामना करना पड़ा। बसपा सुप्रीमो मायावती भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। बता दें कि 2017 में अंबेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र की 5 में से तीन सीटों (जलालपुर, कटेहरी, अकबरपुर) पर बसपा को जीत मिली थी।
कटेहरी:
बसपा से पांच बार के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधान मंडल दल के नेता रहे लालजी वर्मा 2017 में यहां से विधायक चुने गए। लेकिन पिछले साल पंचायत चुनाव के बाद लालजी वर्मा को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। कुर्मी बिरादरी से आने वाले लालजी वर्मा फिलहाल सपा में शामिल हो चुके हैं।
अकबरपुर:
चार बार विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री रामअचल राजभर को भी पंचायत चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। राजभर समाज से आने वाले रामअचल राजभर फिलहाल सपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। लालजी वर्मा व रामअचल राजभर का अन्य पिछड़ा वर्ग समाज में अच्छी पैठ है।
जलालपुर:
बसपा के पूर्व सांसद राकेश पांडेय (अब सपा में) के पुत्र रितेश पांडेय यहां से 2017 में विधायक चुने गए। लेकिन 2019 में रितेश पांडेय सपा-बसपा गठबंधन के तहत अंबेडकरनगर से सांसद चुने गए। उपुचनाव में जलालपुर से बसपा के कद्दावर नेता रहे लालजी वर्मा (अब सपा में) की पुत्री डॉ.छाया वर्मा को टिकट दिया गया, लेकिन उपचुनाव में वह चंद वोटों से सपा प्रत्याशी से पराजित हो गईं।
राकेश पांडेय:
पूर्व सांसद एवं बसपा नेता राकेश पांडेय भी तीन दिन पहले बसपा छोड़ सपा में शामिल हो चुके हैं। यहां चुनाव प्रचार दिलचस्प होगा। पिता राकेश पांडेय सपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे तो उनके पुत्र एवं बसपा सांसद रितेश पांडेय बसपा प्रत्याशी के लिए हाथी का प्रचार करते नजर आएंगे।