अब तक देश में एम्स के अलावा केवल पीजीआई चंडीगढ़ में ही शुरू है यह सुविधा
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
एम्स के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई में भी रोबोट के माध्यम से प्रोस्टेट की बायोप्सी शुरू हो गई है। प्रोस्टेट रोग से पीड़ित मरीज के कैंसर की जांच के लिए यह तकनीकी वरदान साबित होगी।
न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉ.आफताब नज़र और उनकी टीम द्वारा रोबोट के माध्यम से शुरू की गई प्रोस्टेट की बायोप्सी जांच तकनीकी से महज 15 से 20 मिनट के अंदर जांच हो जाती है। इसके जरिए सबसे पहले मरीज का पीएसएमए पेट स्कैन किया जाता है, जिससे पता चलता है कि प्रोस्टेट के किस हिस्से में कैंसर कोशिकाएं ज्यादा हैं। इसे न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉक्टर द्वारा चिन्हित करने के बाद रोबोट के जरिए बायोप्सी की जाती है। इस तकनीकी में कमर के निचले हिस्से में एक बार सुई डाल के बायोप्सी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। इस तकनीकी में मरीज को केवल एक इंजेक्शन जैसा हल्का दर्द होता है।

पुरानी तकनीकी:
पुरानी तकनीकी के दौरान मरीज के गुदा द्वार में सुई डालकर बायोप्सी की जाती है। ये प्रक्रिया मरीज के लिए काफी कष्टकारी होता है।
इन डॉक्टरों की टीम ने शुरू की रोबोटिक प्रोस्टेट बायोप्सी:
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.आफताब नज़र और उनकी टीम में शामिल डॉ.प्रकाश, डॉ.विवेक, डॉ.लोकेश, डॉ.बेला के अलावा यूरोलॉजी विभाग के डॉ.सुरेखा, डॉ.अनिल शामिल थें।
