बसपा से हमेशा के लिए दरवाजा बंद होने के बाद दोनों पिछड़े नेताओं ने बदली रणनीति, बसपा से छिटक सकता है ओबीसी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
बसपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद होने के बाद आखिरकार पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बसपा विधायक लालजी वर्मा और बसपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री रामअचल राजभर कभी भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। शुक्रवार को दोनों वरिष्ठ नेताओं ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सपा सरकार में यूपी के विकास हेतु किए गए कार्यों की सराहना की।

बता दें कि लालजी वर्मा एवं रामअचल राजभर पिछड़ा वर्ग से आते हैं और दोनों नेताओं का पूर्वांचल में अच्छा-खासा प्रभाव है। लालजी वर्मा कुर्मी समाज से आते हैं तो राजभर समाज से रामअचल राजभर आते हैं। इन दोनों नेताओं के सपा में शामिल होने से अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, फैजाबाद, बस्ती, संत कबीरनगर की लगभग दो दर्जन सीटों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उधर, इन दोनों नेताओं के निष्कासन से बसपा से पिछड़ा वर्ग छिटक सकता है।
बता दें कि लालजी वर्मा अंबेडकर नगर के कटेहरी से विधायक हैं तो रामअचल राजभर अकबरपुर सीट से विधायक हैं। बसपा से निष्कासन से पहले लालजी वर्मा विधानमंडल दल के नेता थे। जबकि राम अचल राजभर को राष्ट्रीय महासचिव तक की जिम्मेदारी मिली थी। बसपा सु्प्रीमो मायावती की सरकार में दोनों नेता कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। कभी ये दोनों नेता बसपा सुप्रीमो के काफी करीब रहे।
महाराजगंज स्थित ज.ला.ने.स्मा.पीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर गुलाब चंद्र कहते हैं,
“विधायक लाल जी वर्मा एवं रामअचल राजभर अगर एसपी में शामिल होते हैं तो इसका उत्तर प्रदेश की राजनीति में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। खासकर अवध एवं पूर्वांचल क्षेत्र में दोनों नेता अपने-अपने समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। सपा इनके सहारे पिछड़ों व अति पिछड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है।”