किसानों ने 27 सितंबर को संपूर्ण भारत बंद की घोषणा की
यूपी80 न्यूज, मुजफ्फरनगर
कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के लगभग 300 किसान संगठन रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में इकट्ठा हुयें। किसान संगठनों का दावा है कि किसान महापंचायत में लगभग 10 लाख से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया। मोर्चा ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया। किसानों ने 27 सितंबर को संपूर्ण भारत बंद की घोषणा की है। इस अवसर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान-मजदूर का मुद्दा भाजपा की सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति को परास्त कर देगी। उन्होंने आगामी चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने का आह्वान किया।
रविवार को जीआईसी मैदान में आयोजित होने वाली रैली स्थल की ओर जाने वाले सभी मुख्य मार्ग हजारों किसानों से भर गए। मुजफ्फरनगर में हजारों की संख्या में ट्रैक्टर, कार, बसों से किसानों का आना जारी रहा। पूरा शहर रैली मैदान में बदल गया था। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान मजदूर महापंचायत को समाज के सभी वर्गों का अभूतपूर्व समर्थन मिला। महिला एवं युवा किसानों ने भारी संख्या में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
मिशन उत्तर प्रदेश उत्तराखंड का शंखनाद:
किसान मजदूर महापंचायत ने संयुक्त किसान मोर्चा के मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का शंखनाद किया, जो दोनों राज्यों में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने और केंद्रीय कानून के लिए सी2 प्लस 50 परसेंट पर एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए किसानों के संघर्ष को मजबूत करेगा और आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार सुनिश्चित करेगा। इस अवसर पर किसानों ने घोषणा की कि किसान अब कभी भी देश में सांप्रदायिक दंगे नहीं होने देंगे।
यूपी के किसान त्रस्त:
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि योगी सरकार ने किसानों से जो वायदे किए थे वे पूरे नहीं किए हैं। फसल खरीद के वायदे के अनुसार 20 परसेंट की खरीद भी नहीं की गई है। यूपी सरकार ने 86 लाख किसानों की कर्जा माफी का वादा किया था, जबकि 45 लाख किसानों का भी कर्ज माफ नहीं हुआ है। वर्ष 2017 में गन्ना की लागत प्रति क्विंटल 383 रुपए थी, लेकिन किसानों को 325 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया गया और गन्ना मिलों पर किसानों का 8700 करोड़ रुपए बकाया है।
इन किसान नेताओं ने किया संबोधित:
भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत, धर्मेंद्र मलिक, राजेश सिंह चौहान, राजवीर सिंह जादौन, अमृता कुंडू, बलबीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह डल्लेवाल, डॉ.दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा,हन्नान मोल्ला, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, बलदेव सिंह निहालगढ़ इत्यादि।