यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों के छिड़काव हेतु केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने “ड्रोन के साथ कीटनाशकों के प्रयोग के लिए मानक संचालन नियमावली (एसओपी)” जारी कर दी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को एसओपी जारी करने के साथ ही “मिलेट उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी” नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। श्री तोमर ने बताया कि ड्रोन की खरीद हेतु 40 से 100 परसेंट तक सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
भारत सरकार के पीएसयू को कृषि यंत्रीकरण उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ ड्रोन लागत की 100 परसेंट पर वित्तीय सहायता 10 लाख रुपए तक प्रदान की जाती है। इसके अलावा किसान सहकारी समिति, एफपीओ व ग्रामीण उद्यमियों के तहत सीएचसी द्वारा ड्रोन खरीद हेतु ड्रोन की मूल लागत की 40 परसेंट की दर से वित्तीय सहायता दी जाती है, जो अधिकतम 4 लाख रुपए है।
सीएचसी स्थापित करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन की लागत के 50 परसेंट की दर से अधिकतम 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता हेतु पात्र हैं। व्यक्तिगत छोटे व सीमांत किसानों, एससी-एसटी के किसानों, महिला किसानों, पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को भी ड्रोन की लागत की 50 परसेंट दर से अधिकतम 5 लाख रुपए व अन्य किसानों को ड्रोन की लागत की 40 परसेंट दर से अधिकतम 4 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि हमारी प्रधानता है, इसलिए चाहे रिसर्च का काम हो या योजनाएं सृजन का, सरकार की पहली प्राथमिकता कृषि को बढ़ावा देने व किसानों की माली हालत में सुधार की रहती है। आज कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं। किसानों को खेती में रोकना, नई पीढ़ी को भी आकर्षित करना व उत्पादन लागत कम करते हुए किसानों का मुनाफा बढ़ाना है। इनके लिए कृषि क्षेत्र में तकनीक का समर्थन बहुत जरूरी है, सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती जैसे विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश ने नैनो यूरिया बनाया और जल्द ही नैनो डीएपी का लाभ किसान उठा सकेंगे। ड्रोन टेक्नालॉजी को सरकार ने कृषि क्षेत्र में स्वीकार किया है। पिछली बार जब टिड्डी का प्रकोप हुआ था तो उस समय ड्रोन के उपयोग की जरूरत महसूस की गई थी, तभी से प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार के पूरे समर्थन के साथ ड्रोन तकनीक हमारे सामने है। कृषि में लागत कम करने व कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से शरीर को बचाने में किसान ड्रोन द्वारा व्यापक लाभ मिलेगा।