कृषि कानून Agriculture Law के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी से लाखों की तादाद में किसान farmers पहुंच रहे हैं दिल्ली
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का “दिल्ली चलो Delhi Chalo” अभियान को विफल करने की अनेक कोशिशों के बाद अब दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में विरोध-प्रदर्शन की मंजूरी दे दी है। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी से लाखों की तादाद में किसान Farmers दिल्ली पहुंच रहे हैं।
किसान आंदोलन को रोकने के लिए 25 नवंबर से ही केंद्र की मोदी सरकार Modi Govt और हरियाणा की खट्टर सरकार Khattar Govt व यूपी की योगी सरकार Yogi govt ने अनेक प्रयास किया। किसान नेता योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, प्रतिभा शिन्दे सहित कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। किसानों पर कई जगह लाठी चार्ज stick charge, आंसू गैस tear gas के गोले एवं पानी water की बौछार की गई, बावजूद इसके किसान संगठन पीछे हटने को तैयार नहीं थे। अंतत: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में विरोध-प्रदर्शन की मंजूरी दे दी है।
बता दें कि पंजाब और हरियाणा से कई हजार किसान आज सुबह से ही दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच गए। जहां पर पुलिस ने कड़ाके की ठंड में किसानों पर पानी की बौछार व आंसू गैस छोड़ा। प्रशासन ने जगह-जगह सड़कें खोद दी थी।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा कहते हैं कि पंजाब से लाखों की तादाद में किसान दिल्ली के लिए चल दिए हैं। कल तक किसान दिल्ली पहुंच जाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों से भी किसान दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के आंदोलन को देश की राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन, छात्र , महिला व जनवादी संगठनों ने भी समर्थन दिया है।
उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ में दिल्ली-मुरादाबाद मार्ग पर बागड़पुर चेक पोस्ट और मुजफ्फरनगर, संभल व रामपुर आदि इलाकों में कई बड़े-बड़े प्रदर्शन किए गए। टिगरी में भारी मात्रा में पानी की बौछार और आंसू गैस छोड़े गए और सोनीपत, कैथल व मूरथल में ट्रैक्टर ट्रॉलियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हाईवे पर गहरे गड्ढे खोद दिए गए।
पीएम को पत्र:
एआईकेएससीसी के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली में किसानों को आने देने की अनुमति देने और आराम करने की अपील की थी।
पढ़ते रहिए www.up80.online नए श्रम कानून से 41 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी