संसद से बिल पास होते ही शुरू हो सकती है प्रक्रिया, हिन्दू कायस्थ व मुस्लिम कायस्थ, वैश्य समाज की कई जातियों को शामिल करने की तैयारी
विधानसभा चुनाव से पहले इन जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल कर सकती है योगी सरकार
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ के पास होने के बाद उत्तर प्रदेश की 39 जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग इन जातियों को ओबीसी में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले इन जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल कर लिया जाएगा। बता दें कि सोमवार को इस विधेयक को पास कर दिया गया। इस विधेयक के कानून बन जाने पर राज्य सरकारों को भी सामाजिक एवं शैक्षिक तौर पर पिछड़ी जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल करने का अधिकार मिल जाएगा।
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बता दें कि वर्तमान में प्रदेश की 79 जातियां ओबीसी की सूची में शामिल हैं। ये प्रदेश की कुल आबादी का 54 प्रतिशत हैं। अब तक उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पास 70 जातियों ने ओबीसी में शामिल करने के लिए आवेदन किया था। इनमें से 39 आवेदनों को मानकों के आधार पर विचार करने के लिए चयनित किया गया है। इनमें से 24 जातियों की आबादी व अन्य विषयों पर सर्वे करवाया जा चुका है। सर्वे में आए तथ्यों का विश्लेषण किया जा रहा है। शेष 15 जातियों का सर्वे अभी बाकी है। सर्वे पूरा होने के बाद इन जातियों को ओबीसी की सूची में अधिसूचित करने का निर्णय लिया जाएगा।
इन जातियों को शामिल करने की हो रही तैयारी:
भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बरनवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट।
इन जातियों का होगा सर्वे:
विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुंदेर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज।
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