किसान संगठनों ने किसान विरोधी Anti-Farmer तीनों अध्यादेश को वापस लेने की मांग की
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति AIKSCC के वर्किंग ग्रुप के सदस्य एवं जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव Yogendra Yadav ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में किसान विरोधी तीन अध्यादेश Ordinance लाए हैं, जिनका असली नाम जमाखोरी चालू करो कानून, मंडी खत्म करो कानून और खेती कंपनियों को सौंपा कानून होना चाहिए, क्योंकि इन अध्यादेशों का यही असली मकसद है। योगेंद्र यादव Yogendra Yadav ने यह बात एआईकेएससीसी AIKSCC के ऑनलाइन फेसबुक कार्यक्रम के तीसरे दिन “किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस लो” विषय पर कही।
योगेंद्र यादव YOGENDRA YADAV ने कहा कि व्यापारी कृषि उत्पाद खरीद कर जमा खोरी करके अपनी मनमर्जी से रेट तय करके बेचता है। जिससे किसान और उपभोक्ता दोनों को नुकसान होता है। एपीएमसी की कमियों के कारण किसानों का शोषण होता है। उसे दूर किया जा सकता था। लेकिन कंपनियों को फायदा पंहुचाने के लिए खरीद का अधिकार निजी हाथों में दिया जा रहा है। ठेका खेती कानून में कहने को किसान खेत का मालिक होगा, लेकिन खेती करने और उत्पाद बेचने का अधिकार कंपनी का होगा। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा खेती किसानी की बुनियादी व्यवस्था बदलने की साजिश की जा रही है। हमें पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन जैसा आंदोलन 9 अगस्त को देशव्यापी स्तर अपनी ताकत दिखानी होगी।
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अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पूर्व विधायक कॉमरेड राजाराम ने कहा कि खेती से बेदखल हुए किसान क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि देश की धरती से सिर्फ किसान ही जुड़ा है व्यापारी या कंपनियां नहीं। देश के करोड़ों लोगों को भोजन की गारंटी भी किसान ही देता है। राज्य सरकारें जो बोनस देती थी उसे केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है।
अखिल भारतीय किसान सभा के बीजू कृष्णन ने बताया कि केरल सरकार ने एम एस पी से 800 रुपये अधिक पर 2695 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान की खरीद की है। लेकिन अन्य सरकारें एम एस पी पर भी धान खरीदने को तैयार नहीं हैं।
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आशा संगठन के प्रमुख एवम वर्किंग ग्रुप सदस्य हैदराबाद के किरण विस्सा ने कहा कि संसद और विधान सभाओं को बिना विश्वास में लिए अध्यादेशों को लागू करने का काम किया गया है। कार्यक्रम का संचालन एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप के सदस्य डॉ सुनीलम ने किया। उन्होंने कहा कि संसद में तीन किसान विरोधी बिल पेश होने के पूर्व ही लॉक डाउन खत्म होने के बाद अपनी ताकत दिखलाएंगे। कार्यक्रम में प्रकाशम जिले के किसान नेता रंगाराव भी उपस्थित रहे।