राजस्थान हर कॉलेज में महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्री बाई फुले की लगेगी तस्वीर
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हर साल 3 जनवरी को माता सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर महिला शिक्षिका दिवस मनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस पहल से समाज के किसान, पिछड़ा, दलित व आदिवासी समाज सहित हर वर्ग में खुशी का माहौल है और लोगों ने इस पहल के लिए उनकी सराहना की है।
गहलोत सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्री बाई फुले की जीवन की संघर्ष गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए चार महत्वपूर्ण निर्णय लिया है:
1.प्रत्येक जिले में एक राजकीय विद्यालय का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले व राजकीय बालिका विद्यालय का नाम माता सावित्री बाई फुले के नाम पर रखा जाएगा।
2.महात्मा ज्योतिबा फुले व माता सावित्री बाई फुले की प्रतिमा/तस्वीर राज्य के सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में लगायी जाएंगी।
3.सरकारी स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र, किसानों के लिए व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले व माता सावित्री बाई फुले के नाम पर रखा जाएगा
4.प्रथम भारतीय महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले का जन्मदिवस 3 जनवरी को महिला शिक्षिका दिवस घोषित करने का निर्देश
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ.अनूप पटेल कहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने पिछड़ों, दलितों व वंचितों को सही मायने में सम्मान दिया है और ऐसा कार्य केवल कांग्रेस ही कर सकती है। हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने तीन दिन पहले मेडिकल कॉलेजों में नीट कोटा के तहत पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग की हैं। इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भी लिखा है।
कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक एवं लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आलोक वर्मा कहते हैं कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार का यह बहुत ही सराहनीय पहल है। अन्य राज्य सरकारों को भी इस तरह की पहल करनी चाहिए।
सामाजिक चिंतक एवं लेखक अजय कुशवाहा कहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस पहल के लिए बहुत-बहुत आभार। माता सावित्री बाई फुले ही देश की पहली महिला शिक्षिका हैं, जिन्होंने अनेक संघर्षों को झेलते हुए महिलाओं को शिक्षित करने की शुरूआत की। माता सावित्री बाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के पिछड़ा, दलित, आदिवासी, महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।