यूपी 80 न्यूज़, नई दिल्ली
सैकड़ों वर्ष पहले जब अग्रेजों ने हमारे लोगों को जहाज में भर भर कर जब अफ्रीका यूरोप के देशों में भेजा तो वे वहीं के हो कर रह गए। उनके दिलों में अपने देश, अपनी मिट्टी, अपने पुरखों से मिलने की टीस हमेशा से बनी रही। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए और इस टीस को कम करने के लिए आवर मिट्टी फाऊंडेशन और भोजपुरी जन जागरण अभियान ने रविवार 7 अप्रैल 2024 को लोक कला मंच, नई दिल्ली में ‘मिट्टी के धरोहर’ नामक एक भव्य साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार, गीतकार, कलाकार सहित अपनी अपनी मिट्टी से जुड़े लोग उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण नीदरलैंड से आएं सुप्रसिद्ध सरनामी भोजपुरी गायक राजमोहन ,भोजपुरी पॉप रैपर रग्गा मानव डी मेन्नो, ढोलकवादक वरुण नन्दा और लोकगायकी से अपने मनमोहक आवाज से मंत्रमुग्ध करने गायिका अमृता दत्ता रही। कार्यक्रम में लोकगायकी में उभरते गायकों को मिट्टी के धरोहर अवार्ड से नवाजा गया। उभरते लोक गायक सुशांत अस्थाना, हिमांशु यादव, वसंत ठाकुर के अलावा मिथलेश कुमार सिंह, एयर इंडिया के कार्यरत गायक राजेंद्र सिंह लहुरिया जैसे 20 हस्तियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के डायरेक्टर डा.ज्वाला प्रसाद, विशेष अतिथि नेपाल के सुप्रसिद्ध भाषाविद डा.गोपाल ठाकुर, भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संतोष पटेल, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मोतीहारी के प्राध्यापक डॉ दीपक कश्यप, प्रसिद्ध भोजपुरी सरनामी गायक राजमोहन, मानव डी, वरुण नंदा, आवर मिट्टी फाउंडेशन के चेयरमैन प्रमोद कुमार सुमन, प्रेसिडेंट चंदन कुमार ,महासचिव रवि वर्मा, सीएसआर हेड संगीता भगत, कार्यक्रम के संयोजक इद्रामोहन यादव, प्रसिद्ध उद्योगपति वीरेंद्र कुमार, मैनेजमेंट गुरु कैलाश बिहारी सिंह , सुलभ इंटरनैशनल की सोनम मिश्रा, दिल्ली पुलिस के वरीय पुलिस अधिकारी केशव भारद्वाज, जेएनयू के प्रो. राजेश पासवान, शिव शिष्य परिवार के संरक्षक अर्चित आनंद ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम का पहला सत्र साहित्य, संस्कृति और भोजपुरी भाषा पर केंद्रित रहा। जबकि दूसरे सत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगीतज्ञों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दीं। कार्यक्रम में सद्य प्रकाशित ‘ रेड लाइट ‘ कहानी संग्रह जो कि केशव भारद्वाज द्वारा रचित है,उसका लोकार्पण भी हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा.ज्वाला प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की अपनी मिट्टी अपनी मातृभाषा से जुड़े रहना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।अपनी भाषा और संस्कृति के बिना हम बिन जल मछली की तरह है। उन्होंने कहा कि आज बाजारवाद में लोग बदल रहें, लेकिन अपनी जड़ ( भाषाई, सांस्कृतिक विरासत) को कभी नहीं कमजोर बनाना चाहिए। इस अवसर पर नेपाल से पधारे भाषाविद डा.गोपाल ठाकुर ने कहा कि,’ भोजपुरी अति प्राचीन भाषा है। इसकी डंका पूरे विश्व में बज रहा। उन्होंने नेपाल और भारत के भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों पर भी गहराई से प्रकाश डालें।
भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष पटेल ने विस्तार से भोजपुरी भाषा और सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब तक भोजपुरी संवैधानिक अधिकार को प्राप्त नहीं कर लेती तब तक मुझे चैन नहीं। डा.दीपक कश्यप ने कहा कि भाषा को मारने के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं, हमें इसे समझना होगा।
आवर मिट्टी फाउंडेशन ‘ के चेयरमैन प्रमोद कुमार सुमन ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य और लोक परंपरा पर प्रकाश डालें। उन्होंने कहा कि ‘मिट्टी के धरोहर ‘ देश का पहला मंच होगा, जो भोजपुरी लोकसंस्कृति के वितान को भारत, सूरीनाम और नीदरलैंड से जोड़ेगा। लोक संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री सुमन ने कहा वहीं पेड़ लंबे समय तक जीवित रहता है जिसकी जड़ें गहरी होती है। प्रेसिडेंट चंदन कुमार ने मिट्टी फाऊंडेशन के लक्ष्य और उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा इस कार्यक्रम को करने के बाद हमारा अगला लक्ष्य इस सम्मेलन को विश्व स्तर पर ले जाने का है।
इस अवसर पर बाल कलाकार विभोर, मानसी पपने, करन राठौड़ ने अपनी सुरीले गीत से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन कवयित्री शालिनी कपूर ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डा.मनोज कुमार, देवेन्द्र सिंह, पूनम सुमन, सुधीर जायसवाल,सी के भट्ट, अमित कनौजिया, संतोष यादव, नरेन्द्र यादव, अनिल कुमार, अनिल पासवान, हर्ष, शुभ,रंजू कुमारी, ऋषिका राज, अंकित कुमार, तन्वी प्रिया, सूर्यांश रामेश्वर कुमार ,पार्थ,सृजीता डा.पुष्कर उत्कर्ष राज प्रज्ञा राज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी मिट्टी के धरोहर को संजोने को लेकर सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम की साक्षी रहे।