किसान संगठनों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ 100 सभाएं की थी
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में भाजपा की हार पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने इन राज्यों के लोगों को बधाई दी है। किसान संगठनों ने कहा है कि जनता ने मोदी सरकार की कॉरपोरेट पक्षधर नीतियों, किसानों की जीविका छीने वाले तीन कृषि कानूनों को और मजदूरों के अधिकार छीनने वाले लेबर छोड़ो को नकार दिया है। जनता ने भाजपा द्वारा जनता को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करके राज करने की नीति को भी नकार दिया है। समन्वय समिति ने खेती के तीन कानून, बिजली बिल 2020 को वापस लेने और सभी फसलों का एमएसपी का कानून बनाने के लिए देश भर के किसानों द्वारा चलाए जा रहे साहसी संघर्ष के लिए उन्हें बधाई दी है।
भाजपा के खिलाफ 100 सभाएं:
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति ने देशभर में भाजपा सरकार द्वारा खेती के तीन कानून लागू करने और एमएसपी का कानून ना बनाने के लिए भाजपा को सजा देने और उसे चुनावों में हराने की अपील की थी। इसके लिए नेताओं ने 100 से अधिक सभाएं की थी और व्यापक प्रचार किया था।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि सरकार ने लगातार प्रयास किया कि किसानों का संघर्ष और यह कानून चुनाव में कोई सवाल ना बन पाए। इसके बावजूद लोगों के गुस्से के डर से उसने चार श्रम कोड अमल करने की तिथि आगे बढ़ा दी।
किसान संघर्ष को और तेज करने की अपील:
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा ने देश के किसानों से अपील की है कि वे अपने इस संघर्ष को और तेज करें क्योंकि मोदी सरकार इस हार के बावजूद भी कारपोरेट पक्षधर इन कानूनों को अमल करने के लिए अड़ी हुई है, जिन कानूनों के वजह से किसानों की खेती करने की स्वतंत्रता छीन जाएगी, उनकी जमीनें छिन जाएगी, लागत के सामान महंगे हो जाएंगे, सरकारी खरीद समाप्त हो जाएगी, राशन व्यवस्था बंद हो जाएगी और उनकी मंडियां समाप्त हो जाएंगी और कारपोरेट मुनाफा बढ़ जाएगा।
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के महासचिव डॉ.आशीष मित्तल ने लोगों से अपील की है कि वह कोरोना रोकथाम के दायित्वों का पालन करते हुए अपने संघर्ष को तेज करें ताकि सरकार को मजबूर करके ये कानून वापस कराए जा सकें और एमएसपी का कानून बनवाया जा सके।