युवा मंच ने कोचिंग संस्थानों से मिलीभगत का लगाया आरोप
यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
उत्तर प्रदेश प्राथमिक टीईटी परीक्षा 2022 में पूछे गए अधिकांश सवाल टीईटी 2017 में पूछे गए थे। ऐसा कुछ कोचिंग संस्थानों से पीएनपी की मिलीभगत की वजह से किया गया है। युवा मंच के पदाधिकारियों ने यह आरोप लगाया है। युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने प्राथमिक टीईटी परीक्षा में 2017 के अधिकांश सवालों को हूबहू दोहराये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसा कुछेक कोचिंग संस्थानों को बेजा लाभ पहुंचाने और करोड़ों की वसूली के लिए पीएनपी द्वारा ऐसा किया गया है।

अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों व पीएनपी सचिव के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने सवाल किया कि पिछली बार तो आननफानन में टीईटी परीक्षा को रद्द कर दी गई थी जिसका औचित्य नहीं था, क्योंकि उससे शिक्षक भर्ती की संभावना खत्म हो गई, लेकिन क्या इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धांधली व घोर लापरवाही के इस मामले में कठोर निर्णय लेंगे, क्या लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की उम्मीद की जाये।

अनिल सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद का बोलबाला है लेकिन मुख्यमंत्री पारदर्शिता का राग अलाप रहे हैं। प्रदेश में अगर नकल माफियाओं पर शिकंजा कसा गया होता, भ्रष्टाचार में संलिप्त चयन संस्थाओं के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई होती तो आज इस तरह के हालात प्रदेश में पैदा न होते।

युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने टीईटी परीक्षा के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए परीक्षा केंद्रों पर कोरोना गाईड, कोविड डेस्क, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया है। युवा मंच पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा में तकरीबन तीन लाख शिक्षक पद लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं, इन रिक्त पदों को भरने को लेकर युवा मंच समेत अन्य तमाम संगठन पिछले 6 महीने से प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक लगातार आंदोलन चला रहे थे, अब इस सवाल को चुनावी मुद्दा बनाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती समेत प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को भरने, हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी और रोजगार मिलने तक जीवन निर्वाह लायक बेकारी भत्ता जैसे मुद्दों पर युवा मंच के बैनर तले प्रयागराज में 4 महीने तक रोजगार चला, लेकिन योगी सरकार ने एक भी सवाल को हल नहीं किया। उन्होंने कहा कि रोजगार का सवाल चुनावी मुद्दा बनाने के लिए डिजिटल कैंपेन जारी है। जल्द ही डोर टू डोर कैंपेन की भी शुरुआत की जायेगी। विपक्षी दलों से भी अपील है कि रोजगार को लेकर महज चुनावी घोषणाएं नहीं बल्कि रोडमैप पेश करें, जिससे प्रदेश में सरकार बनने पर रोजगार का सवाल हल किया जा सके।