15 मार्च से अप्रैल प्रथम सप्ताह के बीच होगा पंचायत चुनाव Panchayat Election
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
यदि आप ग्राम पंचायत, क्षेत्र अथवा जिला पंचायत चुनाव Panchayat election की तैयारी कर रहे हैं तो थोड़ी सावधानी से कदम बढ़ाइए। आपकी सीट आरक्षित हो सकती है और यदि आपकी सीट आरक्षित reserved है तो वह सामान्य अथवा महिला सीट हो सकती है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला reservation formula शासन को भेजा जा चुका है। इस बार आरक्षण चक्रानुक्रम में होगा। नगरीय विस्तार का भी असर आरक्षण निर्धारण पर पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में अनुसूचित जाति SC, जनजाति ST , पिछड़े OBC और सामान्य वर्ग की आबादी के अनुसार ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला क्रम में बनाई जाएगी। इसमें यह भी शामिल किया जाएगा कि वर्ष 1995 में कौन की ग्राम पंचायत किस वर्ग के लिए आरक्षित थी।
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ये है फॉर्मूला:
एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में अवरोही (ऊपर से नीचे के क्रम में) क्रम में आवंटित की जाएगी। आरक्षण का निर्धारण चक्रानुक्रम में किया जाएगा, लेकिन 2015 में जो पंचायत एससी या एसटी के लिए आरक्षित थी, उन्हें इस बार एससी या एसटी के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा।
ऐसे समझे:
यदि आपकी ग्राम पंचायत में वर्ष 2015 में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था तो इस बार पिछड़े वर्ग की महिला को मौका मिल सकता है। इसी तरह यदि पिछड़े वर्ग के लिए पंचायत आरक्षित थी तो महिला को मौका मिल सकता है। यह फॉर्मूला ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पद भी लागू होगा।
चक्रानुक्रम फॉर्मूला:
पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष
पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष
पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष
इसके बावजूद यदि महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा नहीं हुआ तो फिर महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता। इसके बाद अनारक्षित सीटें।
डीएम निर्धारित करेंगे आरक्षण:
जिलावार प्रमुखों और विकास खंडवार प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या शासन व निदेशालय स्तर से तय करके जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक जिले में क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के आरक्षित पदों, विकास खंडवार ग्राम पंचायतों के प्रधानों के आरक्षित पदों और तीनों स्तर की पंचायतों में आरक्षित वार्डों के आवंटन की कार्यवाही डीएम करेंगे।
बता दें कि पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा, शेष ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा।
15 मार्च से अप्रैल के प्रथम सप्ताह में चुनाव संपन्न:
भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिए जाएंगे। आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी समय है।
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