यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी Samajwadi Party के मुखिया अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने प्रत्याशी उतारकर भाजपा BJP को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बनाई है। भाजपा के ठाकुर व कुर्मी समाज के उम्मीदवारों को टक्कर देने के लिए अखिलेश यादव ने अति पिछड़ा व दलित चेहरों पर दांव खेला है। सपा ने अति पिछड़ी जाति से आने वाले राम जतन राजभर Ram Jatan Rajbhar और लोहिया वाहिनी के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रामकरन निर्मल Ram Karan Nirmal को उम्मीदवार घोषित किया है।
गुरुवार को भाजपा के विधान प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह Manvendra Singh एवं पद्मसेन चौधरी Padmasen Chaudhary ने नामांकन किया। कानपुर के रहने वाले मानवेंद्र सिंह कानपुर-बुंदेलखंड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। राजपूत बिरादरी से आने वाले मानवेंद्र सिंह दो बार एमएलसी भी रह चुके हैं। इसी तरह, पूर्व सांसद पद्मसेन चौधरी बहराइच के रहने वाले हैं। पद्मसेन कुर्मी समाज से आते हैं और वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
दलित व अति पिछड़ों को साधने में जुटी सपा:
उधर, समाजवादी पार्टी ने लोहिया वाहिनी के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रामकरन निर्मल एवं रामरतन राजभर को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। 2016 में पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर सुर्खियों में आने वाले रामकरन निर्मल दलित समाज से आते हैं। इनके अलावा मऊ निवासी पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर को उम्मीदवार बनाया है।
मुकाबले में भाजपा भारी:
संख्या बल के अनुसार भाजपा गठबंधन मुकाबले में सपा गठबंधन पर भारी है। भाजपा गठबंधन की संख्या 274 हो गई है, जबकि सपा गठबंधन की संख्या महज 118 है।
बता दें कि भाजपा एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम का राज्यपाल बनने एवं एमएलसी बनवारी लाल के निधन से विधान परिषद की दो सीटें रिक्त हो गई हैं। इन दोनों सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है।
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