उन्नाव रेप कांड के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिए पूरा सिस्टम नतमस्तक था
SHO Thakur, SP Thakur and DGP also Thakur
लखनऊ, 2 अगस्त
थानेदार ठाकुर, एसपी ठाकुर और प्रदेश का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ठाकुर।
जी हां, ये सुनने-पढ़ने में थोड़ा अटपटा लग रहा है, लेकिन वास्तविकता यही है। सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन दस्तूर वही पुराना जारी रहता है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जातिवाद का रोग बदस्तूर जारी है। प्रदेशवासी कभी यादववाद से त्रस्त थें, तो आज ठाकुरराज से परेशान हैं। उन्नाव रेप कांड के मुख्य आरोपी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और प्रदेश की योगी सरकार को लेकर आजकल पूरे देश में कुछ इसी तरह की चर्चा है। कल तक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कुलदीप सिंह सेंगर के सामने पूरी तरह नतमस्तक होने का आरोप लग रहा था।
उन्नाव रेप कांड में पीड़िता का पूरा परिवार बर्बाद हो गया। पीड़िता के पिता की थाने में इस कदर पिटाई की गई कि उनकी मौत हो गई। रविवार को रोड एक्सीडेंट में पीड़िता की चाची और मौसी व ड्राईवर का निधन हो गया। खुद पीड़िता और उसके वकील गंभीर तौर से घायल हो गए और वर्तमान में दोनों जिंदगी और मौत के बीच झुल रहे हैं।
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उन्नाव रेप कांड का मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पर सख्त कार्रवाई न होने को लेकर पूरे देश में चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी की बिरादरी का होने की वजह से कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट बीबीसी हिन्दी के मुताबिक उन्नाव जिला में संबंधित थाने का थानेदार ठाकुर, जिले का एसपी ठाकुर और पुलिस महानिदेशक भी ठाकुर रहे हैं। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी भी ठाकुर समाज से आते हैं। मुख्यमंत्री योगी पर यह पहली बार जातिवाद का आरोप नहीं लगा है। इससे पहले भी जिलों में डीएम-एसपी की तैनाती और महत्वपूर्ण पदों पर ठाकुर समाज के अधिकारियों की तैनाती का आरोप लग चुका है।
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हालांकि यह दीगर बात है कि पीड़िता भी योगी जी की बिरादरी की है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि पीड़िता का समाज उसके पक्ष में सड़क पर नहीं दिखा। पीड़िता के पक्ष में कोई दिखा तो देश की आम जनता और मीडिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले में हस्तक्षेप किया और पीड़िता को सभी आवश्यक सहायता के अलावा बेहतर इलाज का निर्देश दिया। इसके अलावा इस गंभीर मामले को यूपी से बाहर ट्रांसफर करने एवं रोड एक्सीडेंट की रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय के सामने पेश करने का निर्देश दिया गया।
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चौतरफा निंदा के बाद कुलदीप सिंह सेंगर निष्कासित:
एक अवसरवादी नेता कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिए कल तक योगी सरकार का पूरा अमला लगा हुआ था, लेकिन चौतरफा निंदा के बाद बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लिया और आनन-फानन में गुरूवार को कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कुलदीप सिंह पिछले तीन विधान सभा चुनाव में उन्नाव जिला के तीन अलग- अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव जीत चुका है। इसके अलावा उसका परिवार पिछले 50 साल से ग्राम प्रधान की सीट पर काबिज है।