मुख्यमंत्री आपदा कोष में जमा करते हैं वेतन, वाराणसी उत्तरी से 2012 व 2017 में विधायक चुने गए
वाराणसी, 9 अप्रैल
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को रोकने के लिए योगी सरकार ने प्रदेश के सभी विधायकों के वेतन में 30 परसेंट की कटौती करने का बड़ा फैसला लिया गया है। इसके अलावा विधायकों की विधायक निधि को भी एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। लेकिन योगी सरकार के स्टाम्प व न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल एक ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने पिछले 8 सालों से वेतन नहीं लिया।
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी मंत्रियों व विधायकों से बातचीत की और उनका कुशल क्षेम पूछा। इस दौरान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने पिछले आठ सालों से अपना वेतन न लेने की जानकारी दी तो मुख्यमंत्री योगी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित सभी मंत्रियों ने ताली बजाकर मंत्री रविंद्र जायसवाल के प्रति आभार व्यक्त किया। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी मंत्रियों व विधायकों को रविंद्र जायसवाल से प्रेरणा लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री आपदा कोष में भेजते हैं वेतन:
रविंद्र जायसवाल वाराणसी के शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2012 और 2017 में लगातार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने पिछले 8 सालों से विधायक और मंत्री के तौर पर कभी भी अपना वेतन नहीं लिया। वह अपना वेतन मुख्यमंत्री आपदा कोष में भेजते हैं।
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विधायक निधि से 1509 करोड़ रुपए बचेंगे:
विधायक निधि को एक साल के लिए सस्पेंड करने से कोविंड केयर फंड में 1509 रुपए आयेंगे। प्रदेश में कुल 503 विधायक व विधान परिषद सदस्य हैं।
इसी तरह मंत्रियों व विधायकों के वेतन में 30 परसेंट की कटौती से एक वर्ष में 17.5050 करोड़ रुपए की बचत होगी।
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