सिद्धार्थनगर, बलिया, देवरिया, प्रतापगढ़, वाराणसी, प्रयागराज में पार्टी की जीत-हार से तय होगा इनका भविष्य
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
यूपी विधानसभा चुनाव की रणभेरी अगले 15 दिनों में कभी भी बज सकती है। सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। इन मंत्रियों पर अपनी जीत के साथ-साथ जनपद के पार्टी के विधायकों को जीताने की भी जिम्मेदारी होगी। इन मंत्रियों द्वारा पिछले 5 सालों के दौरान किए गए कार्यों का भी टेस्ट होगा। पूर्वांचल के कई ऐसे जिले हैं, जहां से 2-2 विधायक योगी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है।

सिद्धार्थनगर:
तराई क्षेत्र में नेपाल की सीमा पर स्थित सिद्धार्थनगर जनपद से दो विधायक ऐसे हैं, जो योगी मंत्रिमंडल में रसूकदार पद पर हैं। जनपद के बांसी सीट से जयप्रताप सिंह सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। फिलहाल योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। इसी तरह जनपद के इटवा सीट से विधायक सतीश चंद्र द्विवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री हैं।

इन दोनों मंत्रियों के पास प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण एवं आम जनता से जुड़े विभाग हैं। 2017 के चुनाव में सबसे कम वोट से जीतने वाले भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी इसी जनपद से हैं। इन्हें सीएम योगी का सबसे करीबी माना जाता है। ऐसे में इन चेहरों पर सबकी नजरें टिकी है। इन्हें अपनी सीट के साथ-साथ अन्य सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को जीताने का भी दबाव रहेगा।

बलिया:

फिलहाल योगी सरकार में बलिया से दो मंत्री हैं। बलिया सदर से आनंद स्वरूप शुक्ला ग्राम्य विकास मंत्री एवं फेफना से उपेंद्र तिवारी खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं। आनंद स्वरूप शुक्ला और उपेंद्र तिवारी अपने बयानों की वजह से ज्यादा चर्चा में रहते हैं। बलिया की सातों सीटों पर भाजपा गठबंधन को जीत दिलाने में इन दोनों नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

देवरिया:
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अलावा मंत्री जयप्रकाश निषाद देवरिया से ताल्लुक रखते हैं। इनके अलावा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी भी देवरिया से आते हैं। अत: चुनाव में इन नेताओं की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी है।

वाराणसी:
पीएम नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर एवं पर्यटन मंत्री नील कंठ तिवारी, रविंद्र जायसवाल हैं। इनके अलावा वाराणसी से कई ऐसे चेहरे हैं जो उत्तर प्रदेश सरकार, प्रमुख बोर्ड एवं आयोगों के अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह भी वाराणसी (कर्मस्थली) से आते हैं। इन सभी नेताओं की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है।
प्रतापगढ़:

योगी सरकार के सबसे मजबूत मंत्री एवं ठाकुर बिरादरी से आने वाले जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह व ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह प्रतापगढ़ से आते हैं। जनपद में चुनावी जीत-हार के लिए ये दोनों नेता भी जवाबदेह होंगे।
प्रयागराज:
प्रदेश के 2 महत्वपूर्ण मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं नंद गोपाल नंदी प्रयागराज से आते हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह योगी सरकार के प्रवक्ता हैं। इनके अलावा अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.जमुना प्रसाद सरोज भी प्रयागराज के सोरांव से विधायक हैं। ऐसे में जनपद की 12 सीटों पर जीत-हार के लिए इन नेताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है।


