आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव Akhilesh Yadav को सौंपा ज्ञापन
यूपी80 न्यूज, 13 अक्टूबर
प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों teacher recruitment की भर्ती प्रक्रिया में खुलेआम आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। बेसिक शिक्षक विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में एमआरसी (मेरीटोरियल रिजर्व कैंडिडेट) को गलत तरीके से लगाने से 15 हजार से ज्यादा ओबीसी-एससी अभ्यर्थी OBC, SC candidates सरकारी नौकरी से वंचित हो जायेंगे। आरक्षित वर्ग के अभ्यथियों के संगठन ने यह आरोप लगाया है। बता दें कि इस ज्वलंत मामले को लेकर पिछले दिनों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया था।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि बेसिक शिक्षक भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 में हुई थी, उसका परीक्षाफल 12 मई 2020 को जारी किया गया। ज्ञापन के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में विभाग द्वारा एमआरसी MRC (मेरीटोरियल रिजर्व कैंडीडेट) को गलत तरीके से लगाकर आरक्षित वर्ग को चयन से बाहर कर दिया गया है। एमआरसी में बदलाव से आरक्षित वर्ग का अनारक्षित में चयन कर आरक्षित में किया गया समायोजन आरक्षित वर्ग की हकमारी है। सामान्य वर्ग के कुछ लोगों को ओबीसी बना दिया गया है। उन्हें मेरिट में जिला भी आवंटित कर दिया गया। इससे 15 हजार से ज्यादा ओबीसी-एससी अभ्यर्थियों OBC, SC Candidates के साथ घोर अन्याय हुआ है।

सवर्णों को पिछड़ी जाति में दिखाने का आरोप:
ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा सरकार BJP Govt द्वारा पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति के साथ चुपचाप बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से घपला किया गया है। सवर्णों को पिछड़ी जाति में दिखा दिया गया है। उच्च मेरिट के अभ्यर्थियों को उनके लिए आरक्षित खांचे में सीमित कर दिया गया है। इस तरह बड़ी चालाकी से 15 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से रोक दिया गया है।

अभ्यर्थी संगठन का कहना है कि एमआरसी आर्डर में साफ लिखा है कि पहले सभी सीटों को आरक्षण के नियम से भरा जाए, बाद में उनको मेरिट के हिसाब से जिला आवंटन हो। लेकिन यहां दोनों काम साथ-साथ कर दिए गए। इससे ओबीसी obc और अनुसूचित जाति sc के 15 हजार से अधिक लोग भर्ती में चयन से बाहर हो गए और उनकी जगह सामान्य श्रेणी के लोग आ गए।
मांग:
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग है कि पहले 69000 सीटों पर आरक्षण के नियमानुसार चयन मिले, बाद में चयनित लोगों को जिला आवंटन की वरीयता में एमआरसी नियम लागू किया जाए।
सरकार ने जो प्रक्रिया अपनाई है वह सामाजिक न्याय Social justice का गला घोंटना जैसा कदम है। संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
पढ़ते रहिए www.up80.online जनरल से ज्यादा ओबीसी का कट ऑफ, ये कैसा आरक्षण है !

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजा ज्ञापन:
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस बाबत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित 69000 भर्ती आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी संगठन के प्रतिनिधियों ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल Naresh Uttam Patel व राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी Rajendra Chaudhary और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन Sunil Singh Sajan को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सुशील कुमार कश्यप, दीपशिखा पाल, पुष्पेंद्र सिंह यादव, विजय यादव और संतोष चौरसिया शामिल थे।