ब्राह्मण अथवा ओबीसी वर्ग के नेता को जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज हुई
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
भाजपा BJP के प्रदेश अध्यक्ष State president स्वतंत्रदेव सिंह Swatantradev Singh ने प्रदेश अध्यक्ष पद से बुधवार को इस्तीफा Resigned दे दिया। अब नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर पार्टी पदाधिकारियों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने तक स्वतंत्रदेव सिंह कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहेंगे।
बता दें कि ओबीसी वर्ग से आने वाले स्वतंत्रदेव सिंह को 16 जुलाई 2019 को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी। उनका तीन साल का कार्यकाल 16 जुलाई 2022 को पूरा हो गया। योगी 2.0 सरकार में उन्हें जलशक्ति मंत्री के तौर पर सबसे मजबूत विभाग सौंपा गया है। पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तौर पर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा के बाद बढ़ गया था दबाव:
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने के बाद स्वतंत्रदेव सिंह पर दबाव बढ़ गया था। पार्टी का एक खेमा उन्हें घेरना शुरू कर दिया था। इस दबाव से बचने के लिए स्वतंत्रदेव ने इस्तीफा दिया है।
नए अध्यक्ष के लिए मंथन तेज:
पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर मंथन तेज हो गया है। भाजपा का एक खेमा ब्राह्मण चेहरा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपने का तर्क दे रहा है तो दूसरा खेमा 2024 का लोकसभा चुनाव देखते हुए ओबीसी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की दलील दे रहा है। इसी तरह एक खेमा नए प्रयोग के तौर पर यह जिम्मेदारी दलित समाज के नेता को देने की वकालत कर रहा है।
ब्राह्मण चेहरे:
पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक प्रमुख दावेदार है।
ओबीसी चेहरे:
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के अलावा अमर पाल मौर्य जैसे चेहरे शामिल हैं।
दलित चेहरे:
दलित वर्ग से इटावा के सांसद रामाशंकर कठेरिया, एमएलसी विद्यासागर सोनकर व सांसद विनोद सोनकर की चर्चा है।