कोर्ट ने कहा- दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक मौत न हो जाए
संतोष साहनी, सोनभद्र
सोनभद्र जनपद के चोपन क्षेत्र में 11 साल पहले गर्भवती बहू व पोती की गला दबाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने सास एवं एक अन्य रिश्तेदार को फांसी की सजा एवं 70-70 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने इस घटना को नृशंस हत्या मानते हुए कहा है कि दोनों को अलग-अलग फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक कि मौत न हो जाए।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाने में मिर्जापुर जिला अंतर्गत कोतवाली कटरा के शबरी संकठा प्रसाद की गली निवासी सतीश कुमार शर्मा ने 21 दिसंबर 2010 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसके दामाद श्रवण शर्मा जो राजस्थान में रहते हैं ने 4 बजे भोर में फोन से उसकी पत्नी सुनीता देवी व तीन वर्षीय बच्ची झलक की साड़ी से गला दबाकर हत्या करके बिस्तर पर जलाने की सूचना दी। इस सूचना पर अपने घर मिर्जापुर से सपरिवार चोपन आया तो देखा कि उसकी बेटी सुनीता एवं नतिनी झलक मरी हुई पड़ी थी।
उन्होंने बेटी की सास गीता देबी एवं दूर के रिश्तेदार अशोक शर्मा पर हत्या का आरोप लगाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका सुनीता के पेट में गर्भ पाए जाने की पुष्टि हुई है। गुरुवार को सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा ने दोनों को हत्या का दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई।