बलिराम सिंह, नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के लार क्षेत्र के मूल निवासी रविशंकर तिवारी इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और गलियों में भिक्षा मांगते फिर रहे हैं। उनका यह भिक्षाटन पेट पालने के लिए नहीं, अपितु समाज के कल्याण के लिए है। उन्होंने यमुना नदी के निर्मल, अविरल और निर्बाध प्रवाह के लिए यह राह अपनाई है।

तकरीबन 3 दशक तक पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना जीवन खपा देने वाले 55 वर्षीय रविशंकर तिवारी का एक ही उद्देश्य है कि दिल्ली की सीमा में तकरीबन 24 किलोमीटर का सफर तय करने वाली यमुना नदी एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में आ जाए और उसका जल शुद्ध हो सके। रविशंकर का कहना है कि यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करना केवल सरकार का ही दायित्व नहीं है, समाज की भी ये जिम्मेदारी है। ऐसे में सरकार को सरकार का काम और समाज को समाज का काम करना चाहिए।

रविशंकर ने रोजगार को दरकिनार कर यमुना नदी के स्वच्छ और अविरल प्रवाह के लिए भिक्षाटन का मार्ग एकाएक ही नहीं चुना। वर्ष 2022 में वह वजीराबाद में यमुना का जायजा लेने गए थे। उनके साथ कुछ अन्य पत्रकार साथी भी थे। रविशंकर बताते हैं कि उनके मन में यह ख्याल आया कि छठ पर्व तक ही यमुना की सुध ली जाएगी, उसके बाद क्या। यहीं, से रविशंकर ने यमुना नदी को स्वच्छ बनाने का बीड़ा उठाया। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों, चांदनी चौक और सदर बाजार के व्यापारी संगठनों, गायत्री परिवार, निरंकारी समाज और अन्य के साथ 6 महीने तक अलग-अलग बैठक कर यमुना नदी को लेकर चर्चा करते रहे और सबसे सुझाव मांगते रहे।
‘यमुना संसद’ के जरिए बनाई मानव श्रृंखला:
रविशंकर बताते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस के ठीक एक दिन पहले उन्होंने 4 जून 2023 ‘यमुना संसद’ का औपचारिक ऐलान किया। उन्होंने 5 जून 2023 को दिल्ली के एक लाख लोगों को यमुना नदी के किनारे ला खड़ा किया और मानव श्रृंखला बनाई।
भैया दूज पर लिया एक वर्ष तक भिक्षाटन का संकल्प:
रविशंकर बताते हैं कि 3 नवंबर 2024 को उन्होंने यमुना नदी के निर्मल, अविरल प्रवाह के लिए भिक्षाटन का संकल्प लिया। वह कहते हैं कि भैया दूज का सीधा संबंध यमुना नदी से है। यमुनाजी यम की बहन हैं। इस वजह से उन्होंने यह दिन चुना। उन्होंने तय किया कि वह अगले एक वर्ष यानी 3 नवंबर 2024 से 2025 के भैयादूज तक यमुना के लिए भिक्षु बन भिक्षाटन करेंगे। हालांकि, उनके लिए भिक्षाटन पर निकलना आसान नहीं था।
रविशंकर कहते हैं कि भीख मांगना बड़ा कठिन काम है। उनके कुछ अपने लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया।
उपराज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट:
रविशंकर तिवारी ने दिल्ली के उपराज्यपाल को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने यमुना नदी के किनारे 15 से 20 यमुना वाटिका बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने उपराज्यपाल से इसके लिए जगह चिन्हित करने की मांग की है। ये जगह समाज के नाम पर होगी, लोग जन्मदिन, सालगिरह, पुण्यतिथि आदि के अवसर पर एक-एक पेड़ लगा सकेंगे। जिसकी वजह से यह पूरी तरह से हरित क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। उनका कहना है कि समाज के सहयोग से वो इस हरित क्षेत्र में एक झील का निर्माण करेंगे, जिसमें बाढ़, बारिश का पानी एकत्र किया जाएगा। इससे यमुना का जलस्तर रिचार्ज होता रहेगा।
यमुना शोध संस्थान बना हर वर्ष 100 छात्रों को करेंगे प्रशिक्षित:
उपराज्यपाल की ओर से जमीन चिन्हित न करने की स्थिति में रविशंकर एक प्लान बी भी है। वह यमुना शोध संस्थान का गठन कर 12वीं कक्षा तक के 100 छात्रों को नदियों और पर्यावरण को स्वस्छ रखने की जानकारी देकर उनको प्रशिक्षित करेंगे। भिक्षाटन से अर्जित धन का इसके लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

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