“BT Act 1949 को तत्काल रद्द किया जाए। यह कानून बौद्धों को उनके ही पवित्र स्थल पर अधिकार से वंचित करता है और गैर-बौद्धों को प्रबंधन में बनाए रखता है। यह पूरी तरह से अनुचित और असंवैधानिक है।” इस मांग को लेकर पिछले काफी दिनों से बौध भिक्षु एवं भिक्षुणी बोधगया में धरना पर बैठे हैं।
धरना पर भिक्षु, बोधगया
बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा शुरू इस धरना का आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने समर्थन करते हुए कहा है,
“महाबोधि महाविहार केवल एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि बौद्ध समाज की आस्था, अस्मिता और अधिकार का प्रतीक है। यह घोर अन्याय है कि भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली आज भी गैर-बौद्धों के हस्तक्षेप में जकड़ी हुई है। महाबोधि महाविहार पर बौद्ध भिक्षु- भिक्षुणियों का प्राकृतिक और ऐतिहासिक अधिकार है, जिसे छीना नहीं जा सकता।
मैं आमरण अनशन पर बैठे भिक्षु- भिक्षुणियों की दृढ़ता और साहस को नमन करता हूँ। यह केवल भूख हड़ताल नहीं, बल्कि हज़ारों वर्षों से चले आ रहे अन्याय के खिलाफ बौद्ध समाज का एक क्रांतिकारी प्रतिरोध है। यह लड़ाई केवल महाबोधि महाविहार की मुक्ति की नहीं, बल्कि बहुजन समाज के आत्मसम्मान और सांस्कृतिक पुनरुद्धार की भी है।
BT Act 1949 इस अन्याय का आधार है, जिसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। यह कानून बौद्धों को उनके ही पवित्र स्थल पर अधिकार से वंचित करता है और गैर-बौद्धों को प्रबंधन में बनाए रखता है। यह पूरी तरह से अनुचित और असंवैधानिक है।
MP Chandrashekhar, ASP
मैं पूरे बहुजन समाज की ओर से प्रधानमंत्री Narendra Modi जी से विनम्र निवेदन करता हूँ कि महाबोधि महाविहार को तुरंत बौद्ध भिक्षुओं को सौंपा जाए। यह न केवल बौद्ध समाज के धार्मिक अधिकार की रक्षा करेगा, बल्कि ऐतिहासिक न्याय भी स्थापित करेगा।
यदि इस अन्याय को शीघ्र समाप्त नहीं किया गया, तो पूरा बहुजन समाज सड़कों पर उतरकर निर्णायक संघर्ष करेगा। हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं।“
“महाबोधि बौद्धों का है, और इसे बौद्धों को ही मिलना चाहिए!”
मैं स्वयं भी जल्द इस आंदोलन में शामिल हूंगा!”
उधर, भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह Vinay Ratan Singh ने कहा है कि आज बोधगया में बौद्धों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ हम महाबोधि महाविहार पहुंचे हैं। अब अन्याय नहीं सहेंगे, अपने अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे!
“महाबोधि महाविहार पर बौद्धों का संपूर्ण नियंत्रण हो” की मांग को लेकर धरना
उन्होंने मांग की है-
BTMC अधिनियम 1949 को तुरंत समाप्त किया जाए।
महाबोधि महाविहार पर बौद्धों का संपूर्ण नियंत्रण हो।
बोध गया को बौद्धों का आधिकारिक तीर्थ स्थल घोषित किया जाए।