लखनऊ, 5 जनवरी
तराई वाले वर्मा जी का अजब हाल है। 2017 में बहन जी (छोटी) के आशीर्वाद से विधानसभा की सीड़ियों पर कदम रखा, लेकिन अब वर्मा जी बहन जी से दूरियां बना रहे हैं। बहन जी के दरवाजे पर गाहे-बगाहे नजर आते हैं। लेकिन वर्मा जी किस ओर जाए, इसे लेकर कसमकश में पड़े हैं। कभी कमलवालों को समझने की कोशिश करते हैं तो कभी साइकिल की सवारी करने की उधेड़बून में लग जाते हैं। वैसे वर्मा जी अभी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं।
वैसे अभी 2020 की शुरूआत हुई है। उत्तर प्रदेश के सिंहासन का फैसला मार्च 2022 में होगा। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, यूपी की राजनैतिक फिजा भी बदलेगी और यह भी पता चलेगा कि सूबे की जनता आखिर किसे सिंहासन पर बिठाना चाहती है और उसी के अनुसार वर्मा जी भी करवट लेंगे।
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